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टीबी की बीमारी से बचाव के लिए स्टाफ को दी ट्रेनिग

जिला सेहत विभाग की ओर से सिविल सर्जन डॉ. हरी नारायण सिंह की अगुआई में विश्व टीबी दिवस पर जीएनएम ट्रेनिग आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 06:45 PM (IST)
टीबी की बीमारी से बचाव के लिए स्टाफ को दी ट्रेनिग

संस, बठिडा : जिला सेहत विभाग की ओर से सिविल सर्जन डॉ. हरी नारायण सिंह की अगुआई में विश्व टीबी दिवस पर जीएनएम ट्रेनिग आयोजित की गई। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. हरी नारायण सिंह  ने बताया कि टीबी की बीमारी कई प्रकार से हो सकती है, जैसे की फेफड़ों की टीबी,  दिमाग, हड्डियां, जोड़ों की टीबी व महिलाओं में बच्चेदानी की टीबी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अपील की है कि वह अपने फील्ड विजिट के दौरान लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करें।

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वहीं डॉ. कुंदन कुमार ने बताया कि बीमारी में मरीज की काउंसलिग जरूरी है। सरकारी अस्पताल में टीबी की बीमारी का इलाज मुफ्त किया जाता है। जबकि डॉ. रोजी अग्रवाल ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार, वजन कम होना, भूख न लगना टीबी की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज को उचित आहार के लिए सरकार की ओर से 500 रुपये वित्तीय मदद दी जाती है। इस मौके पर आशा रानी, सुखमंदर सिंह सिद्धू व जगदीश राम भी उपस्थित थे।


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