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अपने शोध को राष्ट्रीय मुद्दे से जोड़ना समय की जरूरत: तिवारी

सीयीपूबी में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में चुनौतियां और नई अनुसंधान प्राथमिकताएं विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 10:00 PM (IST)
अपने शोध को राष्ट्रीय मुद्दे से जोड़ना समय की जरूरत: तिवारी

जासं,बठिडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा (सीयूपीबी) में डीन रिसर्च कार्यालय की ओर से कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में 'सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में चुनौतियां और नई अनुसंधान प्राथमिकताएं' विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली (आइसीएसएसआर, नई दिल्ली) के सदस्य सचिव प्रो. वीके मल्होत्रा इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

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कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन रिसर्च प्रोफेसर अंजना मुंशी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रो. मल्होत्रा का परिचय दिया। इसके बाद प्रो. पीके मिश्रा, डीन स्कूल आफ सोशल साइंसेज ने सीयूपीबी के सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा किए गए अनुसंधान पर प्रकाश डाला और शोध प्रक्रिया में समस्या निर्धारण, अध्ययन डिजाइन तथा अनुसंधान परिणाम के प्रकाशन से संबंधित चुनौतियों को साझा किया। इसके बाद विभागाध्यक्षों और युवा संकाय सदस्यों ने अपने-अपने विभागों द्वारा किए गए शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. वीके मल्होत्रा ने बताया कि आइसीएसएसआर समाजशास्त्र और सामाजिक मानव शास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, अन्त रराष्ट्रीय अध्ययन, सामाजिक भूगोल और जनसंख्या अध्ययन, वाणिज्य और प्रबंधन, सामाजिक मनोविज्ञान, शिक्षास, सामाजिक भाषाविज्ञान सामाजिक-सांस्कृतिक अध्ययन, कानून अंतर्राष्ट्रीय कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन सहित सामाजिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक शोध करने के लिए अनुसंधान अनुदान प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा मंत्रालय द्वारा आइसीएसएसआर के प्रभावशाली नीतिगत सुझावों पर विचार करने के बाद युवा संकाय सदस्यों को अनुसंधान अनुदान अर्जित करने के व्यापक अवसर प्रदान किए गए हैं और हमारे समग्र अनुसंधान में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।

कुलपति प्रो.राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि प्रतिभागियों को सामाजिक विज्ञान के समग्र क्षेत्र और विज्ञान के विभिन्न विषयों के साथ इसके संभावित एकीकरण को समझने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान शोधकर्ताओं को बहु-विषयक और अंतरविषयी अनुसंधान की दिशा में कार्य करने, अपने शोध को राष्ट्रीय मुद्दों/सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ने और विभिन्न सामाजिक समस्याओं के लिए अभिनव समाधान खोजना समय की जरूरत है। अंत में डीन इंचार्ज एकेडमिक्स प्रो. आरके वुसिरिका ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया।


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