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ब्लड बैंक इंचार्ज से हाथापाई के आरोप में आप जिला प्रधान समेत तीन पर केस

अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव रक्त चढ़ाने के मामले का विवाद बढ़ा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:58 AM (IST)
ब्लड बैंक इंचार्ज से हाथापाई के आरोप में आप जिला प्रधान समेत तीन पर केस
ब्लड बैंक इंचार्ज से हाथापाई के आरोप में आप जिला प्रधान समेत तीन पर केस

जासं, बठिडा : सिविल अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव रक्त चढ़ाने के मामले में विरोध कर रहे बठिडा थैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान सुरेश पाल, आप के जिला प्रधान एडवोकेट नवदीप सिंह जीदा व शिव सेना के प्रधान सुखचैन सिंह पर ब्लड बैंक इंचार्ज डा. रजिदर कुमार व स्टाफ से हाथापाई करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस के पास सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. मनिदरपाल सिंह ने लिखित शिकायत बुधवार को दी थी। इसमें पुलिस ने मौके पर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।

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कोतवाली पुलिस के पास एसएमओ डा. मनिदरपाल सिंह ने शिकायत दी है कि गत दिवस सिविल अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को रक्त चढ़ाने के मामले मे थैलेसीमिया एसोसिएशन के पदाधिकारी, आम आदमी पार्टी के नेता व शिव सेना हिदुस्तान के नेता सिविल अस्पताल में पहुंचे थे। इस बाबत बढ़ते विवाद के चलते ब्लड बैंक के इंचार्ज बीटीओ डा. रजिदर कुमार को अपने दफ्तर में बुलाया था व उनके साथ अन्य डाक्टर भी उनके पास आकर बैठे थे। इसी दौरान उनके दफ्तर में थैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान सुरेश पाल निवासी मैहणा चौक बठिडा, शिवसेना नेता सुखचैन सिंह वासी जोगानंद व आम आदमी पार्टी के प्रधान नवदीप सिंह जीदा वासी जीदा गांव व कुछ अन्य दलों के नेता पहुंचे। उन्होंने हो रही बैठक का विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ डाक्टरों ने उनके बात करने की कोशिश की लेकिन उक्त लोग बीटीओ व उनके साथ गाली-गलौच करने व हाथापाई पर उतर आए। इसके बाद उन्होंने मामले के बारे में कोतवाली पुलिस को सूचित किया। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर सुरेश पाल व सुखचैन सिंह को गिरफ्तार कर लिया जबकि राजनीतिक दलों के नेता मौके से चले गए।

दूसरी तरफ आप नेता नवदीप सिंह जिदा ने पुलिस कारगुजारी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सिविल अस्पताल में लोगों को हो रही परेशानी के संबंध में अधिकारियों से सवाल किए थे। उन्हें कहा था कि ब्लड बैंक व लैब में लोगों को न तो ब्लड मिल रहा है और न ही किसी तरह के टेस्ट हो रहे हैं। वहीं अधिकारी इस समस्या का हल निकालने के बजाय बैठक करने में व्यस्त हैं। यही नहीं जब वह दफ्तर में गए तो वहां बैठक नहीं हो रही थी बल्कि डाक्टर चाय पीने में व्यस्त थे। जबकि अस्पताल के बाहर दर्जनों लोग डाक्टरों के आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने हाथापाई करने व गाली गलौच करने के आरोपों को गलत बताया।

थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन ने भी पुलिस कारगुजारी पर सवाल उठाते कहा कि पुलिस आरोपित डाक्टरों व बच्चों को गलत रक्त चढ़ाने वाले आरोपितों को बचाने में सहयोग कर रही है। बुधवार को सिविल अस्पताल के अधिकारियों के साथ उनकी बहस जरूर हुई लेकिन उन पर मारपीट करने व गाली गलौच करने के आरोप गलत है।


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