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सर्वेक्षण टीम ने निगम के कागजी दावों की जमीनी हकीकत जांची

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के तहत महानगर के सर्वेक्षण का सिलसिला फिर शुरू हो गया

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jan 2018 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 01:00 AM (IST)
सर्वेक्षण टीम ने निगम के कागजी दावों की जमीनी हकीकत जांची
सर्वेक्षण टीम ने निगम के कागजी दावों की जमीनी हकीकत जांची

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा

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स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के तहत महानगर के सर्वेक्षण का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। 12 और 13 जनवरी को निगम की डाक्यूमेंटेशन जांचने तथा शहर के अनेक बाजारों व मोहल्लों की गलियों में नगर निगम की ओर से किए गए सफाई प्रबंधों की लोगों से फीडबैक लेने के उपरांत अब कागजी दावों की जमीनी हकीकत जांचने का काम शुरू हुआ है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से देश भर में करवाए जा रहे इस स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत सर्वेक्षण कर रही कार्वी कंसल्टेंट कंपनी की टीम सुबह करीब साढ़े दस बजे नगर निगम कार्यालय पहुंची। इस उपरांत तुरंत ही सेनीटेशन टीम को साथ लेकर नेशनल कॉलोनी स्थित ग्रीन वेस्टेज की खाद बनाने वाले प्रोजेक्ट को जांचने पहुंच गई। सर्वेक्षण टीम के सदस्य रणजीत ¨सह राणा खाद बनाने वाले प्रोजेक्ट की तुरंत फोटो खींचकर अपनी कार्वी कंपनी की वेबसाइट पर डालने लगे।

टीम ने यहां यहां पर जानी जमीनी हकीकत

टीचर कॉलोनी स्थित मोबाइल सामुदायिक शौचालय का जायजा लिया। जिसमें पानी और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए की गई व्यवस्थाएं चेक की और उनकी फोटो वेबसाइट पर अपलोड की। इसी तरह शक्ति विहार में प्लास्टिक की बनी हुई कम्युनिटी टायलेट्स, कमला नेहरू में पब्लिक टायलेट, पावर हाउस रोड की सफाई, वहां पर सफाई करने वाले कर्मचारियों की उपस्थिति, उनके नाम, पहचान पत्र, फिर कैंट रोड और पास में ही स्थित बेअंत नगर तथा मच्छी मार्केट की सफाई व्यवस्था, बेअंत नगर में ही जेआइटीएफ के सफाई कर्मचारियों की अटेंडेंस व उनकी ड्रेस, धोबीआना बस्ती के दो घरों में आइएचएचएल (इनडिविजुअल हाउस होल्डर लेट्रीन), धोबीआना रोड पर जीवीपी (गारबेज वेनरबल प्वाइंट), शांत नगर स्थित गुरु अमरदास पब्लिक स्कूल में सफाई व्यवस्था जमीनी हकीकत देखी और उसकी तस्वीरें वेबसाइट पर अपलोड की।

कार्वी कंपनी ने ऐसे की दावों की पड़ताल

निगम की ओर से स्वच्छता से जुड़े तमाम पहलुओं और कचरा उठाने से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक लेकर जाने से संबंधित जो भी डॉक्यूमेंट कार्वी कंपनी को उपलब्ध कराए गए हैं। उसके आधार पर कार्वी कंपनी के मुख्यालय से यहां पहुंचा टीम का सदस्य आनलाइन संपर्क में था। मुख्यालय से आनलाइन टीम के सदस्य को किसी स्थान पर जाने का आदेश देकर वहां तस्वीरें उपलब्ध कराने को कहा जाता था। टीम सदस्य तुरंत बताए गए स्थान पर पहुंचकर मांगी गई जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करता था। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। समाचार लिखे जाने तक भी सर्वेक्षण जारी था। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सतीश कुमार और फेस्लिटेटर गुर¨वदर मान भी मौजूद थे।

सफाई कर्मचारियों के पास नहीं थे पहचान पत्र

स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतिस्पर्धा में राज्य में अव्वल साफ शहर का स्थान प्राप्त करने व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैं¨कग में बढ़त हासिल करने के लिए बेशक नगर निगम ने अपने सीमित साधनों में काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन कुछ छोटी बातों की ओर उचित ध्यान नहीं दिया गया। सर्वेक्षण के दौरान चाहे सभी स्पॉट पर सर्वेक्षण टीम को सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाते हुए मौजूद मिले, लेकिन अधिकतर के पास अपने पहचान पत्र मौजूद नहीं थे। टीम ने जिस भी सफाई कर्मी से उसका पहचान मांगा तो उसके पास मौजूद नहीं था। सभी सफाई कर्मचारियों ने बाद में अपने घर से अपने पहचानपत्र मंगवाकर टीम को दिखाए और कार्वी की वेबसाइट पर अपलोड करवाए।


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