गुरु के ज्ञान से ही मिटता है मनुष्य का अंधकार : प्रकाश मुनि
संस, रामा मंडी नैतिकता की कमी के कारण मनुष्य धर्म को छोड़कर धन के पीछे भाग रहा है जो दुख का कारण
संस, रामा मंडी
नैतिकता की कमी के कारण मनुष्य धर्म को छोड़कर धन के पीछे भाग रहा है जो दुख का कारण है। धन से सुख नहीं मिल सकता, धन से तो सिर्फ साधन ही खरीदे जा सकते हैं। ये बात कपड़ा मार्केट ब¨ठडा स्थित जैन स्थानक में विराजमान संघशासता गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल जी महाराज के सुशिष्य गणाधीश श्री प्रकाश मुनि जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा की मनुष्य को अपना जीवन आदर्श बनाना चाहिए। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया की जबतक आत्मा में चुभे कांटे को बाहर नहीं निकाला जाता, आत्मा कभी निर्मल नहीं बन सकती। उन्होंने बताया की इस कांटे को बाहर निकालने का तरीका गुरु ही बताते हैं, इसलिए गुरुओं की शरण में आकर अपनी आत्मा को पवित्र बनाकर चुभे हुए कांटे को बाहर निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा की नैतिक कीमतों को छोड़ कर इंसान झूठ के सहारे महल खडे़ कर रहा है जिसे धराशाई होने में तनिक भी देर नहीं लगती। उन्होंने कहा की आज मनुष्य अपनी झूठी शान के लिए कितने ही झूठ बोल रहा है। उन्होंने कहा की नीति और नियम ही इनसान को महान बनाते हैं, जिसकी नीयत साफ है हृदय में कोई छल कपट नहीं है सही अर्थ में उसके हृदय में धर्म समाहित हो गया है। उन्होंने कहा की अहंकार व्यक्ति का नाश कर देता है इसलिए अंहकार का त्याग कर धर्म की शरण लेनी चाहिए। उन्होंने कहा की जो मनुष्य अपने माता पिता और गुरु का सम्मान करता है उसको किसी दूसरे के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती।