चिटू पार्क में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
22 जनवरी 1988 की सुबह 615 बजे चिटू पार्क में सैर कर रहे 10 निहत्थे लोगों को तीन आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था।
हेमंत राजू, बरनाला : 22 जनवरी 1988 की सुबह 6:15 बजे चिटू पार्क में सैर कर रहे 10 निहत्थे लोगों को तीन आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। बुधवार को मृतक के स्वजनों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने चिटू पार्क में स्थापित स्मारक पर पुष्प माला भेंट कर श्रद्धांजलि दी। उनकी याद में भंडारा लगाया गया। इस कार्यक्रम के डॉक्टर तेजिदर गर्ग, डॉक्टर भारती गर्ग, पटवारी राजेश भुटानी, अतुल गुप्ता, यश शर्मा, सोनू कुमार आदि ने मृतक की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर सुखविदर भंडारी, राज कुमार जिदल, ज्ञान चंद शर्मा, वकील चंद गोयल, मास्टर कांती स्वरुप, रिपी वर्मा, अनीश गर्ग, दिनेश गर्ग, हरिदर भुटानी, गगन कुमार, गगन मकड़ा, यशपाल शर्मा, संपूर्ण शर्मा, भारत मोदी, जेई अशोक जिदल, डॉक्टर राकेश मेहरा, सरपंच हरदेव सिंह भदलबढ़, भोला सिंह ग्रेवाल, दविदर मकड़ा व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इनकी हुई थी मौत
-1- कृष्ण चंद गर्ग हेड़ीके वाले
-2- मास्टर जै कृष्ण लाल भुटानी
-3- तरसेम चंद गर्ग हेड़ीके वाले
-4- विजय कुमार मक्कड़ा
-5- जीवन लाल रामगढ़ वाले
-6- खुशबख्त राय शर्मा
-7- अनिल कुमार गुप्ता
-8- सुनील कुमार गर्ग
-9- विजय कुमार खुड्डी वाले
-10- सुभाष सोहल
ऐसे हुआ हमला
एसडीएम करण अवतार सिंह (जो कि इस समय चीफ सेक्रेटरी है) ने खून से लथपथ लोगों को उठाया था
--पार्क में काफी टाइम से आरएसएस की शाखा लगती थी। इस शाखा को बंद करने के लिए आंतकियों ने कई बार कहा, परंतु शाखा बंद नहीं हुई। 22 जनवरी 1988 को सुबह 6:10 बजे चिटू पार्क में करीब बीस लोग सैर कर रहे थे। पार्क के एक तरफ बड़ी दीवार है। तीन तरफ छोटी-छोटी दीवार है। आज भी चिटू पार्क इसी तरह से बना हुआ है। तीन आंतकी में से में एक राम बाग रोड की तरफ से अंदर आया। दूसरा चिटू पार्क वाली गली से अंदर आया व तीसरा एलबीएस कॉलेज की तरफ बनी दीवार से अंदर आया। तीनों ने तीनों तरफ से अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। यह फायरिग 10 मिनट तक की। इससे लोगों में कोहाराम मच गया। वहीं एक व्यक्ति पार्क के बीच बने फाउंटेन स्वीमिग में गिर गए। खौफ इतना था कि उनके जाने के लंबा समय बाद भी बचने वाले लोग उठने की हिम्मत नहीं कर सकें।
गोलियों की आवाज सुनते ही पार्क के समक्ष एसडीएम रिहायस थी, वहां से तत्कालीन एसडीएम करण अवतार सिंह पुलिस से पहुंचने से पहले ही खून से लथपथ लोगों व अन्य लोगों को उठा कर अस्पताल पहुंचाया था।
पापा सैर करने के लिए गए, परंतु वापस नहीं आए
--सेल टैक्स विभाग के ईटीओ डॉक्टर तेजिदर गर्ग ने बताया कि उस दिन सुबह पापा कृष्ण चंद गर्ग करीब साढ़े पांच
बजे उठे। उस वक्त मैं मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उन्होंने मुझे पढ़ने के लिए बैठा दिया। उन्होंने कहा कि तुम पढ़ाई करो, मैं सैर करके आया। इतना कह कर वो घर से चले गए व उसके बाद कभी वापस नहीं आए। आतंकवाद ने उनके सिर से पिता का साया छीन लिया।