गांव ढिलवां में फैला चेचक, सेहत विभाग बेखबर
गांव ढिलवां में दो मरीज चेचक पीड़ित हैं परंतु गांव ढिलवां व सब डिवीजन तपा के सेहत अधिकारी इससे बेखबर हैं।
दर्शन तनेजा, संवाद सहयोगी तपा, बरनाला : गांव ढिलवां में दो मरीज चेचक पीड़ित हैं, परंतु गांव ढिलवां व सब डिवीजन तपा के सेहत अधिकारी इससे बेखबर हैं। गांव में लालू विहड़े निवासियों जगसीर सिंह, गुरमेल सिंह, राज सिंह आदि ने बताया कि विगत एक माह से उनके परिवार में इस बीमारी से घर के सदस्य पीड़ित हैं, जिनका निजी अस्पतालों में इलाज करवाया जा रहा है। उनके पड़ोसी जगसीर सिंह ने बताया कि उसके पुत्र बलजीत सिंह, गुरप्रीत कौर भी कई दिनों से इस बीमारी के साथ पीड़ित है, जिनका इलाज करवाया जा रहा है। गुरमेल सिंह ने बताया कि उनके बच्चे गुरअंश, पिसदीप, सुखमण भी पहले चेचक से पीड़ित थे, परंतु अब निजी अस्पताल में इलाज करवाने के उपरांत ठीक हैं। उनसे जब सरकारी अस्पताल कर्मचारियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि सरकार ने प्राइमरी हेल्थ वर्करों को घर-घर जाकर लोगों की सेहत के बारे में जानकारी रखने के लिए ही रखा है, परंतु उनके घर कोई नहीं आया। उन्होंने सरकार व सेहत विभाग से मांग की कि सरकारी डॉक्टरों को भेज कर गांव ढिलवां में पीड़ित मरीजों की पड़ताल करवाई जाए व इसके इलाज व बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार व सेहत विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करना चाहिए।
गांव ढिलवां के प्रारंभिक सेहत केंद्र के स्टाफ ने बताया कि विगत दो माह से कोई भी मेडिकल अफसर यहां नहीं है, परंतु वह खुद गांव में जाकर चेचक बीमारी से पीड़ित मरीजों का पता करते हैं व उनका इलाज करने की हरसंभव कोशिश करते हैं।
चेचक के लक्षण व उपचार
सिविल अस्पताल तपा के डॉ. विक्रमजीत सिंह ने बताया कि चेहरे व पूरे शरीर पर पानी वाली फुंसियां, जिसके बीच में काले रंग का निशान चेचक की निशानी है, इससे शरीर में थकावट, तेज बुखार, भूख न लगना इसके लक्षण हैं। इलाज के 10-12 दिन में यह बीमारी ठीक हो जाती है, चेचक से पीड़ित मरीज का बिस्तर व कपड़े साथ रहने वाले सदस्य इस्तेमाल न करें, प्रतिदिन मरीज को कपड़े धोकर पहनाए जाएं। सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज सुनिश्चित करेंगे
सिविल सर्जन बरनाला डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि अब यह मामला उनके ध्यान में आ गया है, वह चेचक पीड़ित मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में करवाना यकीनी बनाएंगे व गांव में भी सर्वे करवा कर लोगों को जागरूक करेंगे, ताकि कोई अन्य व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित न हो।