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शरारती तत्वों के मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष मंगलवार को रोष धरना देकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 04:34 PM (IST)
शरारती तत्वों के मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे
शरारती तत्वों के मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे

जागरण संवाददाता, बरनाला

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केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग स्थल के समक्ष मंगलवार को रोष धरना देकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। मंगलवार को किसानों का रोष प्रर्शन 209वें दिन में प्रवेश कर गया।

इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के निवास के बाहर भी रोष धरना जारी रहा। किसान संगठनों द्वारा संघेड़ा भदलवड्ड रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के समक्ष भी रोष धरना लगाया गया। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ब्लाक महल कलां इकाई द्वारा संगठन के ब्लाक प्रधान जज सिंह गहल की अगुआई में लुधियाना-बरनाला मुख्य मार्ग पर गांव भदलवड़ व संघेड़ा के मध्य स्थित पेट्रोल पंप पर पक्का मोर्चा लगाया गया हुआ है। गुरदेव मांगेवाल, राम सिंह, गुरदर्शन सिंह दिओल, गुरनाम सिंह ठीकरीवाला, मा. राजिदर भदौड़, गुलाब सिंह गिल, मनजीत राज, प्रेमपाल कौर, जसपाल कौर, जसपाल चीमा, हरचरण चन्ना, बाबू सिंह, बलवीर सेखां, सुखदेव सिंह ने कहा कि नेताओं की सूझबूझ व तर्जुबे के कारण ही यह आंदोलन जन आंदोलन बनकर सामने आया है। कुछ शरारती तत्व इस आंदोलन की आड़ में रातों-रात नेता बनना चाहते हैं। कृषि कानूनों को रदद करवाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को धार्मिक रंगत देने की कोशिश की जा रही है कितु किसान इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। सरकार मौजूदा हालातों का लाभ लेकर किसानों के मोर्चे में घुसपैठ करवा सकती है, हिसक घटनाएं करवा सकती है व आंदोलन को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए दिल्ली मोर्चों को मजबूत करने की जरूरत है। राजविदर सिंह मल्ली, सुखपाल कौर बडबर ने कविशरी वारें पेश की। बीर सेखां व जगदीश लद्दा ने गीत सुनाए। लंगर की सेवा गांव पक्खों के लोगों ने निभाई।


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