पराली के धुएं ने बंद कर दी प्रशासनिक अधिकारियों व सेटेलाइट की आंखे बंद,
संवाद सहयोगी बरनाला : प्रदेश में धान के सीजन के चलते 20 अक्टूबर से धान की शुरू हुई कटाई के बाद किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से बदहाल हो चुका है, तो वहीं यातायात प्रभावित हो रहा है।
संवाद सहयोगी बरनाला : प्रदेश में धान के सीजन के चलते 20 अक्टूबर से धान की शुरू हुई कटाई के बाद किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से बदहाल हो चुका है, तो वहीं यातायात प्रभावित हो रहा है। बता दें कि बेशक नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल द्वारा वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पराली को आग नही लगाने के आदेश देते हुए प्रदेश सरकार को पराली के प्रबंधन नही करने की फटकार लगाई है व संबंधी जिला प्रशासन को पराली जलाने के मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए है, के बावजूद जिला बरनाला में पराली जलाने के मामले दिन दुगनी रात चौगुनी गति से बढ़ रहे है। गौरतलब हो कि किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली का धुआं इस कदर फैल गया है, कि पराली के धुएं में प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सेटेलाइट की आंखे बंद कर दी है व अधिकारी पराली के मामले में सख्त कार्रवाई करने में नाकाम दिख रहे है। शनिवार को पराली जलाने के कारण दोपहर एक बजे ही आसमान में धुआं अपना पैर पसार फैल गया, जिससे दोपहर तीन बजे ही शाम हो गई व अंधेरा छा गया। पराली के धुएं से शनिवार को हर किसी व्यक्ति की आंख में जलन होती रही व विजीविलिटी 200 मीटर के करीब दिखाई दी, हर तरफ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था। शनिवार को बरनाला में प्रदूषण का स्तर 100 के करीब रहा है।
कोट्स
द्वारा समय समय पर पराली जलाने को लेकर किसानों पर कार्रवाई की जा रही है व किसानों से अपील वह पराली ना जलाए, इससे जहां जमीन में उपजाऊ तत्व खत्म हो रहे है, वहीं प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
धर्मपाल गुप्ता, डीसी कोट्स
अब तक पराली जलाने के मामलें में 100 चालान काटे जा चुके है और आगे भी इसी प्रकार कार्रवाई की जाएगी।
संदीम कुमार, एसडीएम