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नरमे की फसल पर किसान खुद करें सर्वेक्षण

जिले में नरमे की फसल अच्छी है। नरमे की फसल पर रस चूसने वाले किसी भी कीड़े का कोई हमला नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 09:46 PM (IST)
नरमे की फसल पर किसान खुद करें सर्वेक्षण
नरमे की फसल पर किसान खुद करें सर्वेक्षण

जागरण संवाददाता, बरनाला : जिले में नरमे की फसल अच्छी है। नरमे की फसल पर रस चूसने वाले किसी भी कीड़े का कोई हमला नहीं है। यह बात मुख्य कृषि अफसर डॉ. बलदेव सिंह ने किसान अमृतपाल सिंह गांव वाहेगुरुपुरा के नरमे के खेतों का दौरा करने के अवसर पर कही। उन्होंने बताया कि जिले में नरमे की फसल का पेस्ट सर्वेलेंस (कीड़ों बारे सर्वेक्षण) करने के लिए टीमों का गठन किया हुआ है, जो नरमे की फसल का लगातार सर्वेक्षण कर रही हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि किसान खुद भी नरमे की फसल पर कीड़ों का सर्वेक्षण करते रहें। जुलाई का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है, इस समय फसल पर रस चूसने वाले कीड़ों के हमलों का डर होता है। किसानों को जुलाई के दूसरे सप्ताह से अगस्त के पहले सप्ताह तक लगातार फसल का सर्वेक्षण करना चाहिए। इन रस चूसने वाले कीड़ों में सफेद मक्खी पत्तों के निचले तरफ अंडा देती हैं। दूसरा है हरा तेला। इसका रंग हलका पीला/हरा होता है, इसके पंख नहीं होते। तीसरा मिलीबग्ग जिसका शरीर कोमल व अंडाकार परंतु नीचे से चपटे आकार का होता है। यह झुंड में रहते हैं व झुंड मोम जैसे सफेद पाउडर के साथ ढका हुआ होता है। चौथा चेपा जो कीड़ा अंडे नहीं देता। इसके ज्यादा हमले का कारण पत्ते हरे रंग के हो जाते हैं। पांचवां थरिपस (भूरी जूं) मादा गुरदो के आकार के अंडे देती है। यह पत्तों का रस चूसते हैं। डॉ. बलदेव सिंह ने बताया कि किसानों को फसल इन कीड़ों से बचाने के लिए लगातार सर्वेक्षण करते रहना चाहिए।

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