किसानों को मधु मक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया
गुरु अंगद देव वेटरनरी व एनीमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना के केवीके द्वारा मधु मक्खी पालन सिखलाई कोर्स एसोसिएट डायरेक्टर प्रह्लाद सिंह तंवर की अगुआई में लगाया गया
संवाद सहयोगी, बरनाला
गुरु अंगद देव वेटरनरी व एनीमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना के केवीके द्वारा मधु मक्खी पालन सिखलाई कोर्स एसोसिएट डायरेक्टर प्रह्लाद सिंह तंवर की अगुआई में लगाया गया। शहद की मक्खी पालन कार्य में स्व रोजगार की बेहद संभावनाएं हैं। केवीके में शहद प्रोसेसिग प्लांट लगाया गया है। जिसमें किसान शहद की प्रोसेसिग कर सकते हैं व उसके बाद शहद की पैकिग करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यहां से ट्रेनिग लेकर किसान मधु मक्खी पालन में बढि़या कार्य कर रहे हैं। जिसमें कई किसानों के पास 300 से 1200 मधु मक्खियों के बक्से भी हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि स्व सहायता समूह बनाकर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा चलाई जा रही स्कीमों संबंधी बताया। यदि किसानों को इस धंधे में कोई समस्या आती है तो वह केवीके से संपर्क कर सकते हैं। इस ट्रेनिग दौरान कमलदीप सिंह मठाड़ू ने शहद की मक्खियों की प्रजातियों, मौसमी संभाल, रानी मक्खी का जीवन चक्कर, मक्खियों की खुराक व शहद निकालने संबंधी जानकारी दी। डा. हरजोत सिंह सोही ने विभिन्न मौसमों में मिलने वाले फूल-फलों संबंधी जानकारी दी। कार्य प्रमुख ट्रेनिग में तीन जिलों से 46 किसानों, महिलाओं व बेरोजगार युवाओं ने भाग लिया।
बच्चों को पौधों से प्रापत होने वाले भोजन की जानकारी दी
स्थानीय बीवीएम इंटरनेशनल स्कूल में सातवीं व आठवीं कक्षा के छात्रों को गतिविधि के माध्यम से पौधों व जानवरों से प्राप्त होने वाले भोजन संबंधी जानकारी दी गई। इस गतिविधि तहत बच्चों को संतुलित भोजन संबंधी बताया गया। सभी बच्चे अपने घरों से विभिन्न पदार्थ लेकर आए जो हमें पौधों व जानवरों से मिलते हैं। इसके अलावा अध्यापिका ने बच्चों को पीपीटी के द्वारा पौधों के विभिन्न भागों व उनके उपयोग संबंधी बताया। बच्चों ने अच्छे-अच्छे चार्ट तैयार किए व बच्चों ने उन्हें बेहद अच्छे से विस्तारपूर्वक समझाया। इस गतिविधि को ध्यान से देखा व अध्यापिकाओं से प्रश्न भी पूछे। उन्होंने बच्चों को संतुलित भोजन करने व जंक फूड से दूर रहने को कहा। स्कूल प्रिसिपल ने बताया कि पौधे हमारे लिए कितने आवश्यक हैं। वृक्षों की दिन-प्रतिदिन हो रही अंधाधुंध कटाई से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। स्कूल में समय-समय पर ऐसी गतिविधियां करवाई जाती है ताकि बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास हो सके।