शिक्षा के साथ-साथ प्रैक्टिकल ज्ञान पर हो फोकस
सोनू उप्पल, बरनाला : भारत के पहले प्रधानमंत्री और आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के 14 नवंबर को जन्मदिवस की खुशी में चिल्ड्रन डे मनाया जाता है।
सोनू उप्पल, बरनाला : भारत के पहले प्रधानमंत्री और आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के 14 नवंबर को जन्मदिवस की खुशी में चिल्ड्रन डे मनाया जाता है। कहा जाता है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी बच्चों से बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे, जिस कारण बच्चे उन्हे चाचा नेहरू के नाम से पुकारा करते थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई देश विदेश के बेहतरीन स्कूल से की थी, तभी उनको काफी ज्यादा जानकारी थी व ज्ञानवान थे। जिला बरनाला के भी विभिन्न स्कूलों में इस दिन विभिन्न प्रकार के मुकाबले करवाए जाते है व बच्चों को इस दिन के इतिहास की जानकारी मुहैया करवाई जाती है।
बच्चों को प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाए: वरूण भारती
वाइ एस ग्रुप के डायरेक्टर वरूण भारती ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू बहुत ही सुशिक्षित और ज्ञानवान थे। उनका जन्म दिवस तो हर बार मनाया जाता है, लेकिन उनके जन्म दिवस का महत्व व उनके जीवन के इतिहास का ज्ञान किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है। उन्होने कहा कि हमें स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें प्रैक्टिकल ज्ञान प्रदान कर सुशिक्षित बनाना चाहिए, ताकि वह अपनी शिक्षा से दूसरों को शिक्षित कर सकें।
स्किल पर जोर देना जरूरी: मित्तल
मदर टीचर इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर कपिल मित्तल ने कहा कि शिक्षा संस्थानों का काम बच्चों को सुशिक्षित करना है। शिक्षा संस्थानों को बच्चों की शिक्षा में तीन बातों पर ध्यान देना चाहिए, शिक्षा संस्थान में बच्चों को शिक्षा के साथ स्किल, कम्यूनिकेशन व बच्चों को दी शिक्षा के ज्ञान कीमत का ज्ञान बताना चाहिए।
रोजगार परक शिक्षा दी जाए :चंदेल
सर्वहितकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के ¨प्रसिपल डॉक्टर संजीव चंदेल ने कहा कि हमें शिक्षा संस्थान में बच्चों को केवल उनको नौकरी पाने के लिए ही नही शिक्षा प्रदान करनी चाहिए, बल्कि किसी भी बच्चे को सुशिक्षित करके दूसरों को रोजगार के अवसर देने योग्य सुशिक्षित करना चाहिए, ताकि वह खुद अपने पैरों पर खड़ा होकर दूसरों को भी रोजगार प्रदान करें।
शिक्षा को बोझ ना समझें :बांसल
जय वाटिका पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर रोहित बांसल ने कहा कि शिक्षा के साथ साथ शिक्षा संस्थानों को बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाना चाहिए, ताकि वह समाज में अपना अच्छा स्थान बना सकें व दूसरों को भी सही मार्ग पर दिखा सकें। साथ ही बच्चों को पुस्तकों के ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल ज्ञान प्रदान करना चाहिए, ताकि वह अपनी शिक्षा को बोझ ना समझे व उसको मन लगाकर करें।