गांव छीनीवाल कलां में किसान संगठनों ने तहसीलदार को घेरा
महल कलां बरनाला गांव छीनीवाल कलां में किसानों संगठनों ने तहसीलदार का विरोध कर रोष प्रदर्शन किया।
संवाद सूत्र, महलकलां, बरनाला
गांव छीनीवाल कलां में किसानों संगठनों ने तहसीलदार का विरोध कर रोष प्रदर्शन किया। गांव छीनीवाल कलां में पंचायत व मुश्तरका मालिकों के बीच चल रहे 49 एकड़ विवाद की नी प्रशासन की तरफ से तहसीलदार बरनाला हरबंस सिंह को रिसीवर नियुक्त किया गया है। तहसीलदार जब छीनीवाल कलां में थाना महल कलां के प्रभारी मोहर सिंह की अगुआई में पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में जमीन की बोली करवाने के लिए पहुंचे तो महलकलां से छीनीवाल कलां को आती सड़क पर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल की जिला बरनाला इकाई के प्रधान ज्ञानी निरभै सिंह छीनीवाल कलां के नेतृत्व में घेराव कर सड़क पर रोष धरना लगा दिया, जिसके बाद इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल की जिला बरनाला इकाई के प्रधान ज्ञानी निरभै सिंह छीनीवाल, हरदेव सिंह, जगतार सिंह छीनीवाल, पंच निरभै सिंह छीनीवाल, जगराज सिंह ने कहा कि जमीन पर मुश्तरका मालिकों का ही हक बनता है, परन्तु प्रशासन की तरफ से जमीन पर धक्के से कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी अगर मुश्तरकां मालिकों की जमीन पर धक्के से कब्जा करने की कोशिश की गई तो अगला तीव्र संघर्ष शुरु किया जाएगा। इस बारे में तहसीलदार हरबंस सिंह ने कहा कि अदालत की तरफ से इस जमीन पर धारा 145 लगा कर पहले कब्जा लिया गया व उसके बाद जमीन की बोली करवाने का कार्यक्रम लिखा गया था, परन्तु किसान संगठन व गांव निवासियों के विरोध के कारण बोली नहीं हो सकी। इसकी सारी रिपोर्ट लिख कर उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है। अगले दिनों में बोली की आगे वाली तारीख डाले होने पर जमीन की बोली हर हालत में पुलिस प्रशासन की देख-रेख में करवाई जाएगी। दूसरी तरफ सरपंच सिमरजीत कौर छीनीवाल कलां, पंच गुरमीत कौर, प्रितपाल सिंह छीनीवाल, अवतार सिंह पंच, राज सिंह कौर, शमशेर सिंह, जसपाल सिंह, गुरदीप सिंह, चरनजीत कौर ने कहा कि अदालत के आदेशों के अनुसार प्रशासन द्वारा तहसीलदार हरबंस सिंह को रिसीवर नियुक्त कर पंचायती जमीन की बोली करवाने का कार्यक्रम पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में अमन सुरक्षा के साथ करवाने का लिखा गया था, परन्तु गांव के कुछ व्यक्तियों द्वारा विरोध करने के कारण बोली नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इस जमीन की बोली होने से सारा रुपया गांव के विकास कार्यों पर खर्च किया जाना था। जत्थेदार गुरमेल सिंह छीनीवाल, पंच हाकम सिंह के अलावा अन्य गांव निवासी उपस्थित थे।