अस्पताल में धरती के भगवान हैं नहीं, जीवन बचाए कौन
डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशानडॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशानडॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशानडॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशानडॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशानडॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी कारण रात के समय आने वाले मरीज हो रहे परेशान
संवाद सूत्र धनौला, बरनाला :
सिविल अस्पताल में विगत काफी समय से डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण रात के समय आने वाले मरीजों को इमरजेंसी के दौरान डॉक्टर नहीं मिलते, जिस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर लोगों ने सेहत विभाग खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया। ब¨ठडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय मुख्य मार्ग पर स्थित 30 बेड का कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर धनौला जो कि आस-पास के करीब 20 गांव के लोगों को सेहत सेवाएं देने की क्षमता रखता है। मंगलवार शाम कस्बा धनौला की नई बस्ती के निवासी राजू ¨सह को अपने घर पंखे की तारों डालने समय करंट लग गया, जिसको परिवारिक सदस्यों ने उठा कर सिविल अस्पताल धनौला में लाया, परंतु आगे इमरजेंसी डॉक्टर ड्यूटी नहीं होने के कारण उन्होंने सेहत विभाग खिलाफ नारेबाजी की। इस अवसर पर बहादर ¨सह, हरप्रीत ¨सह, जस¨वदर ¨सह, अमनदीप ¨सह, विक्रम ¨सह, हनी ¨सह, कुलवीर ¨सह, समी ¨सह ने कहा कि सरकार द्वारा लोगों को यह कह कर बेवकूफ बनाया जा रहा है, कि अस्पताल में 24 घंटे अच्छी सेहत सेवाएं दी जा रही है, परंतु अस्पताल धनौला में एमरजेंसी डॉक्टर नहीं होने के कारण सरकार के दावों की पोल खुल कर सामने आई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अस्पताल में डॉक्टर नहीं भेजें, तो फिर इनको रात समय ताला लगा कर बंद कर देना चाहिए।
गौर हो कि दिन के समय दो डॉक्टर जिसमें एमडी डॉक्टर सतवंत ¨सह औजला, डॉक्टर विशालवीर ¨सह ओपीडी व इमरजेंसी मरीजों को संभाल रहे है। दूसरा यह कि विगत करीब एक माह से सीनियर मेडिकल अफसर की कुर्सी भी रिक्त पड़ी है।
एसएमओ डॉक्टर रिपजीत कौर की यहां से बदली करवा कर किसी अन्य अस्पताल में ला दिया, परंतु उनकी जगह पर कोई नियुक्ति नहीं करने के कारण उनकी सेवा भी साथ निभानी पड़ रही है।
इस संबंध में कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर गुर¨मदर कौर ने कहा कि ब्लॉक धनौला में 2 डॉक्टर नशा छुड़ाओ केंद्र में ड्यूटी दे रहे हैं, 3 डॉक्टर मेडिकल छुट्टी पर चल रहे हैं व 2 डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। जिस कारण रात के समय इमरजेंसी डॉक्टर नहीं लगाए गए हैं, जबकि दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर दिन के समय ओपीडी मरीजों के साथ-साथ इमरजेंसी मरीजों को भी संभालते हैं। डॉक्टर गुर¨मदर कौर ने बताया कि डॉक्टरों कमी संबंधी उच्च अधिकारियों को सूचित किया हुआ है।
कस्बा धनौला सहित आस-पास के गांव के लोगों ने सेहत मंत्र से पुरजोर मांग की है, कि धनौला अस्पताल में डॉक्टरों की घाट को पूरा किया जाएं, अगर विभाग ने जल्द ही ध्यान नहीं दिया, तो लोग संघर्ष शुरु करने के लिए मजबूर होंगे।