शैहणा में लगाया गया जिला स्तरीय मेगा कैंप सिर्फ खानापुर्ति
कस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्तीकस्बा शैहणा में लगा जिला स्तरीय मैगा कैंप बना खानापूर्ती
जागरण संवाददाता, बरनाला :
जिले के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के शैहणा में महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत लगाए गए जिला स्तरीय मेगा मेडिकल कैंप में पूरी तरह खानापूर्ति बन कर रह गया, क्योंकि ब्लॉक बरनाला व महलकलां के अधीन पड़ते गांव के लोगों ने इस कैंप में आने के लिए कोई रुचि ही नहीं दिखाई, यही नहीं शैहणा के पास के गांव के लोगों की संख्या भी नाम मात्र रही। ज्यादातर लोग कैंप में बिना काम करवाए परेशान होकर वापस आते नजर आए। कैंप में स्किल डेवेलपमेंट, स्व रोजगार, कृषि, डेरी विकास, जिला भलाई दफ्तर, पावरकॉम, जिला उद्योग केंद्र, शिक्षा विभाग, रोजगार विभाग, सेहत विभाग के लगे काउंटरों पर लोग नाममात्र ही पहुंचने के कारण खाली रहे, जबकि डीएसएसओ के पास पेंशन के लिए, आवास योजना के तहत कच्चे मकानों के लिए, बस के पास, सेनिटेशन विभाग के पास शौचालय के लिए, आटा दाल स्कीम के नीले कार्डों के लाभार्थियों के काउंटरों पर भीड़ रही।
पर्ची बनाई, दवाई है नीं
कैंप में आए गांव चीमा के मरीज ज्ञान चंद ने बताया कि सेहत विभाग के काउंटर से पर्ची बना दवा लिख कर हाथ में पकड़ा दी, कहा दवाई बाहर मेडिकल स्टोर से ले लेना है। उसने कहा कि जब दवा है नहीं फिर कैंप में काउंटर लाने का क्या फायदा। वह एडीसी (विकास) प्रवीण गोयल को मिले, परन्तु मसले का कोई समाधान नहीं हुआ। दिव्यांग सर्टीफिकेट बने ही नहीं
कैप में दिव्यांग व्यक्ति सर्टीफिकेट बनाने के लिए आए, परन्तु मौके पर सर्टीफिकेट बनाने का कोई प्रबंध नहीं होने के कारण खाली हाथ वापिस जाना पड़ा। डीसी आए लेकिन लोगों से नही मिले
डीसी धर्मपाल गुप्ता कैंप में पहुंच कर भाषण दिए व लगे काउंटरों की जांच करने उपरांत गए, जबकि आए लोग मिलने के लिए चक्कर निकाल रहे थे, जिनको सुरक्षा गार्डों ने नजदीक लगने नहीं दिया।