स्वस्थ समाज-- जिला बरनाला में एड्स के 80 और मरीजों की हुई पहचान
हेमंत राजू, बरनाला : एड्स रोग को खत्म करने के लिए विश्व के वैज्ञानिक हर पल नए प्रयास में जुट
हेमंत राजू, बरनाला : एड्स रोग को खत्म करने के लिए विश्व के वैज्ञानिक हर पल नए प्रयास में जुटे हुए हैं, परंतु अभी तक इसका कोई भी पक्का इलाज नहीं निकल पाया हैं। बस इसका एक ही इलाज है कि बचाव में ही बचाव हैं। प्रदेश व केंद्र सरकार के दावों के बावजूद एचआइवी/एड्स के मामले कम नहीं हो रहे। जिले में अप्रैल 2016 से अब तक सिविल अस्पताल बरनाला में करीब 5 हजार महिला व पुरषों का एड्स टेस्ट किया गया है, जिसमें 80 लोगों में पीडि़त मिले। इसमें 30 महिलाएं व 50 पुरुष शामिल है। सभी मरीजों की उम्र 30 से 40 वर्ष है। एड्स से पीड़ित मरीज ज्यादातर गांव व कस्बे के शिकार है।
इस बारे में सिविल अस्पताल बरनाला के एसएमओ डॉक्टर जसवीर ¨सह औलख ने बताया कि सिविल अस्पताल बरनाला के सेंटर में इस समय जिला बरनाला में एड्स रोग से पीड़ित 80 मरीजों का इलाज किया जा रहा हैं। इस सरकारी रिकार्ड के अलावा भी काफी एचआईवी पॉजीटिव मरीज होंगे जो कि सरकारी कागजों पर दर्ज नही हो पाए हैं।
इस बारे में एसएमओ डॉक्टर जसवीर ¨सह औलख ने बताया कि सेहत विभाग की तरफ से इस रोग के इलाज के लिए मुफ्त सेंटर स्थापित किए गए है। प्रदेश में कम्यूनिटी केयर सेंटर अमृतसर, जांलधर, लुधियाना, फरीदकोट, बठिंडा, पटियाला, फिरोजपुर, तरनतारन, होशियारपुर, संगरूर आदि में स्थापित है। इन सेंटरों में एचआईवी पॉजीटिव लोग व उनके परिजनों की काउंसिलिंग कर उन्हें समाज में रहने के काबिल बनाने का प्रयास किया जाता है, जिनके नतीजे काफी सार्थक मिल रहे हैं।
झोला छाप डॉक्टर व नशेड़ी फैला रहे है रोग
एसएमओ डॉक्टर जसवीर ¨सह औलख व सिविल अस्पताल के एमडी मेडिसन डॉक्टर मनप्रीत सिद्धू ने कहा कि कस्बों व गांवों में झोलाछाप डाक्टरों के एक ही बार सिरिंजों के अधिक प्रयोग व ग्रुप के नशेड़ियों के द्वारा सिरिंज के अधिक प्रयोग करने से यह रोग फैल रहा है। उन्होंने बताया कि कस्बों व गांवों में एड्स पीड़ितों की संख्या में ही निरंतर वृद्धि हो रही है।