Move to Jagran APP

जलियांवाला बाग पहुंची विश्व ऐतिहासिक शहीद स्वाभिमान यात्रा

स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहूति देने वाले शहीद-ए-आजम भगत ¨सह की विशाल प्रतिमा स्थापित करने के मकसद से दिल्ली से शुरू हुई 'विश्व ऐतिहासिक शहीद स्वाभिमान यात्रा' शनिवार को शहीद स्थली जलियांवाला बाग पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 06:10 PM (IST)
जलियांवाला बाग पहुंची विश्व ऐतिहासिक शहीद स्वाभिमान यात्रा
जलियांवाला बाग पहुंची विश्व ऐतिहासिक शहीद स्वाभिमान यात्रा

जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहूति देने वाले शहीद-ए-आजम भगत ¨सह की विशाल प्रतिमा स्थापित करने के मकसद से दिल्ली से शुरू हुई 'विश्व ऐतिहासिक शहीद स्वाभिमान यात्रा' शनिवार को शहीद स्थली जलियांवाला बाग पहुंची। यात्रा में शामिल दिल्ली से संबंधित 15 युवाओं ने जलियांवाला बाग की पावन मिट्टी को कलश में रखकर प्रण लिया कि वे शहीद भगत ¨सह का स्मारक बनाएंगे। हाथ में तिरंगा लेकर वंदेमातरम का जयघोष करने वाले इन युवाओं ने देशवासियों को शहीदों के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी किया।

loksabha election banner

यात्रा का नेतृत्व कर रहे संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र ¨सह बिधूड़ी ने कहा कि देश में भारत मां के सपूत शहीद-ए-आजम भगत ¨सह की सबसे विशाल प्रतिमा स्थापित करना उनका लक्ष्य है। शहीद स्वाभिमान यात्रा का शुभारंभ 23 मार्च को इंडिया गेट से भारतीय थल सेना के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के प्रतिनिधि मेजर जनरल अशोक नरूला ने हरी झंडी दिखाकर किया था। पच्चीस हजार किलोमीटर की यह यात्रा देश के सभी राज्यों से होते हुए नब्बे दिन बाद दिल्ली पहुंचेगी। अब तक 26 राज्यों को कवर कर चुके हैं। यात्रा के दौरान हर राज्य की मिट्टी ली जा रही है। दिल्ली से पंजाब रोड के बीच कहीं भी यह प्रतिमा तैयार की जाएगी। प्रतिमा के साथ एक स्मारक भी होगा, जहां देश भर के शहीदों के जन्म और शहीदी के विषय में जानकारी उल्लिखित होगी।

सुरेंद्र ¨सह बिधुड़ी ने कहा कि यह सारा उधम हम देश के युवाओं के साथ मिलकर करेंगे। हम स्कूलों-कॉलेजों में जाएंगे, युवाओं के पास जाकर उन्हें अपना उद्देश्य बताएंगे। युवा हमें एक-एक रुपया भी दे देंगे तो भी हमारा उद्देश्य सार्थक हो जाएगा। सरकार से अभी कुछ मांगा नहीं। हां, अगर सरकार कुछ करना चाहती है तो प्रतिमा व स्मारक के लिए हमें जमीन उपलब्ध करवा दे। यदि नहीं कर सकती तो भी कोई बात नहीं, हम सब कुछ कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि हम धर्म, जाति, वर्ग, भेष आदि से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के शहीदों के लिए काम कर रहे हैं। अब तक 86 दिनों की यात्रा में देश के 26 राज्यों का 16,500 किलोमीटर का सफर तय किया है। सरकार से मांग है कि शहीद-ए-आजम को राष्ट्र पुत्र की उपाधि और सभी शहीदों को सर्वेच्च सम्मान दिया जाए। राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद होने वाले सैनिकों, अ‌र्द्धसैनिकों और पुलिस कर्मियों को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। शहीदों के परिवारों के लिए शहीद स्वाभिमान कार्ड बनाया जाए। इसके माध्यम से शहीद परिवारों को सभी सरकारी योजनाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि का लाभ मिल सके। भारतीय सेना के वेतन को कर मुक्त किया जाए। सेना में शहीद हुए जवानों के परिवारों के लिए अलग आयोग की स्थापना की जाए, जहां इन परिवारों की समस्याओं का जल्द समाधान हो सके। सेवानिवृत्ति के बाद सैनिक के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। शहीदों की जयंती और पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय स्तर के खेलकूल, सांस्कृतिक एवं देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम करवाए जाएं।

शहीदों से जुड़ी इमारतों

का संरक्षण हम करेंगे

सुरेंद्र ¨सह बिधूड़ी ने कहा कि शहीदों के पैतृक घरों को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करना सरकार का दायित्व है, पर सरकार ऐसा नहीं कर पा रही। अमृतसर में शहीद मदन लाल ढींगरा के कटड़ा शेर ¨सह स्थित पैतृक घर को संरक्षित करने का जिम्मा सरकार हमें दे। हम इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.