आईसीपी अटारी पर चार दिनों के बाद शुरू हुआ इंडो-पाक ट्रेड
इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) अटारी पर भारत-पाक के बीच चार दिनों से बंद पड़ा अंतरराष्ट्रीय कारोबार शुक्रवार को शुरु हो गया। डाला राशि को लेकर लेबर और एजेंटों के बीच विवाद के चलते लेबर ने पिछले चार दिनों से हड़ताल कर रखी थी। कोई भी ट्रक लोड होकर आईसीपी अटारी से बाहर नहीं निकलने पर वहां के गोदाम पूरी तरह से भर गए थे और इसे देखते हुए इंडियन कस्टम ने पाक कस्टम से ट्रेड को कुछ समय के लिए बंद करने को कहा था। लेबर यूनियन की हड़ताल भाजपा के राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और पूर्व कैबिनट मंत्री गुलजार ¨सह रणिके के प्रयासों के बाद खत्म हुई।
र¨वदर शर्मा/ गुरदीप भट्टी, अमृतसर /अटारी :
इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) अटारी पर भारत-पाक के बीच चार दिनों से बंद पड़ा अंतरराष्ट्रीय कारोबार शुक्रवार को शुरु हो गया। डाला राशि को लेकर लेबर और एजेंटों के बीच विवाद के चलते लेबर ने पिछले चार दिनों से हड़ताल कर रखी थी। कोई भी ट्रक लोड होकर आईसीपी अटारी से बाहर नहीं निकलने पर वहां के गोदाम पूरी तरह से भर गए थे और इसे देखते हुए इंडियन कस्टम ने पाक कस्टम से ट्रेड को कुछ समय के लिए बंद करने को कहा था। लेबर यूनियन की हड़ताल भाजपा के राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और पूर्व कैबिनट मंत्री गुलजार ¨सह रणिके
के प्रयासों के बाद खत्म हुई। हालांकि इससे पूर्व एमपी गुरजीत ¨सह औजला ने भी दो दिन पहले आईसीपी अटारी का दौर कर अधिकारियों और लेबर यूनियन के सदस्यों के साथ बातचीत कर इंडो-पाक ट्रेड शुरु करवाने के प्रयास किए थे।
गौर हो कि आईसीपी अटारी पर काम करने वाले कारोबारियों के एजेंट, जो वहां सीएचए के तौर पर काम करते हैं के साथ लेबर की डाला वसूले जाने को लेकर विवाद था। एजेंटों द्वारा ट्रक चालकों से ली जाने वाली डाला राशि पर लेबर ने दावा करते हुए चार दिन पहले आईसीपी पर काम बंद कर दिया था। हालांकि इस दौरान कस्टम व लैंडपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारियों ने सुलझाने के प्रयास किए मगर सफलता नहीं मिली। इसके बाद सांसद गुरजीत ¨सह औजला भी आईसीपी पर पहुंच कर अधिकारियों, लेबर यूनियन के नेताओं और एजेंटों से मिले लेकिन यह मसला हल नहीं हुआ।
आईसीपी अटारी पर लेबर की हड़ताल की खबर गृह मंत्रालय तक पहुंची तो इस मसले का तुरंत समाधान निकाले जाने की हिदायतें गृह मंत्रालय ने दी। इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री गुलजार ¨सह रानिके ने कारोबारियों, अधिकारियों, लेबर यूनियन के नेताओं और एजेंटों के साथ बातचीत कर डाला राशि में से कुछ हिस्सा लेबर को दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने आईसीपी पर तैनात कस्टम उच्चाधिकारियों, सेंट्रल वेयर हाउस के अधिकारियों, व्यापारी मोहित खन्ना, व्यापारी मानव तनेजा, व्यापारी दलीप ¨सह, विक्रांत व वीएसबी कंपनी के मालिक साजन बेदी के हुई बाचीत के बाद लेबर यूनियन की मांग को स्वीकार करते हुए सीमेंट के ट्रक पर 150 रुपये जबकि ड्राई फ्रूट के ट्रक पर 250 रुपये देना मान लिया। क्या है डाला राशि
चालक ट्रक में लदे सामान को उतारने या खाली ट्रक में सामान लदवाने के लिए लेबर को उनकी मजदूरी के अलावा चाय-पानी के लिए कुछ राशि देता है। इस राशि को डाला कहा जाता है। यह डाला राशि 200 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक हो सकती है। हालांकि आईसीपी पर बिना रसीद या पर्ची के किसी भी तरह का लेन-देन अमान्य है। मगर एजेंट इस पर अपना अधिकार बताते हुए ट्रक चालकों से यह राशि वसूल कर रहे थे।
आईसीपी अटारी पर लेबर यूनियन प्रधान बल¨वदर ¨सह, अमरीक ¨सह, कश्मीर ¨सह, दलबीर ¨सह, गुरसाहिब ¨सह और कैप्टन ¨सह ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए अपनी हड़ताल वापस ले ली और आईसीपी अटारी पर काम शुरु हो गया। उन्होंने कहा कि डाला राशि उन्हें शुरू से ही मिलती रही है। बीच-बीच में कुछ लोग गड़बड़ी कर जाते हैं, जिस पर मजबूर होकर उन्हें आईसीपी पर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ता है।