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तड़पती रही महिला, नर्सिंग स्टाफ बोली— सरकारी अस्पताल में कुछ नहीं होगा

जागरण संवाददाता, अमृतसर सिविल अस्पताल की नर्सिंग सिस्टर्स द्वारा मरीजों को ट्रीटमेंट की बजाय

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 08:01 PM (IST)
तड़पती रही महिला, नर्सिंग स्टाफ बोली— सरकारी अस्पताल में कुछ नहीं होगा
तड़पती रही महिला, नर्सिंग स्टाफ बोली— सरकारी अस्पताल में कुछ नहीं होगा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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सिविल अस्पताल की नर्सिंग सिस्टर्स द्वारा मरीजों को ट्रीटमेंट की बजाय ह्रासमेंट किया जा रहा है। ताजा घटना एक बुजुर्ग महिला मरीज से जुड़ी है। छेहरटा निवासी सत्या देवी नामक इस महिला की सांसें उखड़ती रहीं, पर नर्सिंग सिस्टर्स ने परवाह नहीं की। मृत्युशैया पर पड़ी इस महिला को नर्सिंग सिस्टर्स ने हाथ तक नहीं लगाया। किसी तरह उसके परिजनों ने उसे यहां से निकालकर गुरुनानक देव अस्पताल पहुंचाया।

देसराज निवासी छेहरटा ने बताया कि उसकी पत्नी सत्या देवी को सांस लेने में तकलीफ है। वह उसे सिविल अस्पताल में ले आए। यहां जनरल वार्ड में उसे एडमिट कर लिया गया। यहां रात में उसकी हालत बिगड़ गई। मैंने नर्सिंग सिस्टर से जांच करने को कहा तो वह मुझे भला-बुरा कहने लगे। उसने कहा कि हमने ग्लूकोज लगा दिया है, इंजेक्शन भी दे दिया है। इससे ज्यादा सरकारी अस्पताल में कुछ और नहीं होगा। देसराज के अनुसार मैंने उससे कहा कि आप एक बार जांच कर लो, वरना वह मर जाएगी लेकिन नर्सिंग सिस्टर टस से मस न हुई।

देसराज ने बताया कि मेरी पत्नी को दौरे आ रहे थे। सांस भी उखड़ रही थी। हर साल फ्लोरेंस नाइटेंगल की फोटो के सामने दीप जलाने वाली नर्सिंग सिस्टर का ऐसा व्यवहार देखकर मैं परेशान हो गया। इसके बाद जनरल वार्ड में कार्यरत एक नर्सिंग स्टाफ ने मेरी मदद की। उसने अपने साथी कर्मचारियों की मदद से सत्या देवी को स्ट्रेचर पर लिटाकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचाया। यहां नर्स रा¨जदर कौर ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया।

नर्सिंग सिस्टर की कार्यप्रणाली ने नर्सिंग स्टाफ ने उठाए सवाल

नर्स रा¨जदर कौर ने बताया कि जिस समय सत्या देवी को इमरजेंसी वार्ड में लाया गया उसकी ऑक्सीजन सेचुरेशन 8 प्रतिशत बची थी। यह बहुत ही गंभीर स्थिति थी। उसी वक्त सत्या देवी को ऑक्सीजन लगाई गई। जब उसकी हालत स्थिर हुई तो हमने उसे तत्काल गुरुनानक देव अस्पताल में रेफर कर दिया। रा¨जदर कौर ने बताया कि नर्सिंग सिस्टर के काम करने का तरीका ठीक नहीं है। वे मरीजों से अक्सर दु‌र्व्यवहार करती हैं। अस्पताल में तीन नर्सिंग सिस्टर कार्यरत हैं। ये तीनों ही राजनीति करके निचले कर्मचारियों को तंग करती हैं, जबकि मरीजों की तीमारदारी से दूर भागती हैं।

104 पर दर्ज करवाई शिकायत

देसराज ने इस सारे घटनाक्रम के संदर्भ में 104 नंबर पर शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग सिस्टर की लापरवाही से मेरी पत्नी की जान जा सकती थी।


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