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न लिया रिमांड, 302 की बजाय धारा 304 लगा कोर्ट में कर दिया पेश

सन्यासी को आइएसआइ का एजेंट बता एक एएसआइ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के आरोप में पुलिस ने अपने ही विभाग के अधिकारी का रिमांड लेना मुनासिब नहीं समझा। जिससे स्पष्ट होता है कि अजनाला पुलिस एएसआइ को पूरी तरह से बचाने में जुटी है। तभी तो आरोपित के खिलाफ धारा 302 की जगह धारा 304 का मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:26 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:26 AM (IST)
न लिया रिमांड, 302 की बजाय धारा 304 लगा कोर्ट में कर दिया पेश

संवाद सहयोगी, अजनाला : सन्यासी को आइएसआइ का एजेंट बता एक एएसआइ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के आरोप में पुलिस ने अपने ही विभाग के अधिकारी का रिमांड लेना मुनासिब नहीं समझा। जिससे स्पष्ट होता है कि अजनाला पुलिस एएसआइ को पूरी तरह से बचाने में जुटी है। तभी तो आरोपित के खिलाफ धारा 302 की जगह धारा 304 का मामला दर्ज किया है। बीते दिन गांव जगदेव खुर्द वासी व अमृतसर के पुलिस थाना मोहकमपुरा में तैनात एएसआइ अतर ¨सह ने शराब के नशे में धुत होकर थाना अजनाला से महज 50 गज की दूरी पर सन्यासी को पीट पीट कर गंभीर घायल कर दिया था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। आम तौर पर जब भी पुलिस की ओर से कोई छोटा सा मामला दर्ज किया जाता है तो आरोपित को कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल करने की कोशिश की जाती है। लेकिन शनिवार की रात हुए इस घटनाक्रम में पुलिस ने जहां आरोपित का अस्पताल अजनाला से मेडिकल करवा लिया। वहीं रविवार को चुपचाप तरीके से मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर दिया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में फतेहपुर की सेंट्रल जेल में भेज दिया गया।

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डंडा मिल गया तो रिमांड क्यों लें

इस संबंध में जब पुलिस थाना अजनाला के प्रभारी इंस्पेक्टर परमजीत ¨सह से बातचीत की गयी तो उन्होंने गोलमोल बात करते हुए कहा कि डंडा मिल गया जिससे एएसआइ अतर ¨सह ने सन्यासी पर वार किए थे फिर रिमांड किस लिए लेना था।

साधु की हुई पहचान

इस संबंधी डीएसपी अजनाला हरप्रीत ¨सह ने बताया कि सन्यासी साधु की पहचान नागा बाबा रा¨जदर वासी वार्ड 13 श्मशानघाट जगरावा परिवार हरिद्वार के रूप में हुई है।

नहीं हो पाया बाबा का पोस्टमार्टम

सन्यासी की देह का सिविल अस्पताल से पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। जिस कारण उनके परिजनों को देह अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल पाई। थाना अजनाला प्रभारी इंस्पेक्टर परमजीत ¨सह ने इस संबंधी बताया कि साधु की पहचान होने के बाद वह उनके परिजनों के साथ पोस्टमार्टम करवाने के लिए गुरु नानक देव अस्पताल में दोपहर करीब ढाई बजे गए थे। लेकिन वहां मौजूद डॉ. कुलदीप ¨सह ने यह कहते हुए पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया कि अब देरी हो चुकी है।


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