दशहरा रेल हादसे का असल जिम्मेदार कौन : खोसला
अमृतसर : सोशल एक्टिविस्ट और बैं¨कग ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेता अवनीश खोसला का कहना है कि मीडिया में यह स्वीकारा गया है कि दशहरा पर हुए रेल हादसे के समय 15-20 पुलिस के कर्मचारी मौके पर तैनात थे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : सोशल एक्टिविस्ट और बैं¨कग ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेता अवनीश खोसला का कहना है कि मीडिया में यह स्वीकारा गया है कि दशहरा पर हुए रेल हादसे के समय 15-20 पुलिस के कर्मचारी मौके पर तैनात थे। यह भी माना गया है कि नगर निगम कमिश्नर ने निगम द्वारा किसी इवेंट का परमिशन देने के लिए 15 दिन पहले निर्धारित किए गए फॉर्मेट में अनुमति मांगनी होती है। कमिश्नर सोनाली गिरि ने यह भी माना कि दशहरा कमेटी ने उन्हें दशहरे की जानकारी दी थी, जोकि निगम द्वारा बताए गए फॉर्मेट में नहीं थी। वहीं, दूसरी तरफ कमिश्नर सोनाली गिरि का कहना है कि 17 को हाई कोर्ट और 18 अक्टूबर को वह छुटटी पर गई थी। पहले जानकारी मिलने के बाद पुलिस व निगम की जिम्मेदारी बनती थी कि रेलवे लाइन के इतने समीप ऐसा इवेंट होने से रोकते और रेलवे को भी इसकी जानकारी देते। जबकि निगम कमिश्नर का यह कहना है कि परमिशन 15 दिन पहले लेनी होती है। उन्हें देर से सूचित किया गया है, चाहे फायर ब्रिगेड और वाटर टैंकर के लिए ही क्यों न हो उन्हें सूचना तो मिली ही थी। वह उन दो-तीन दिनों में दशहरा कमेटी को परमिशन न देने की सूचना दे सकती थी। खोसला का कहना है कि यदि कमिश्नर शहर में नहीं थी, तो निगम का कार्य बंद तो नहीं हो जाता। कोई दूसरा अधिकारी उनके स्थान पर काम तो जरूर कर रहा होता है, इसके लिए निगम ही हादसे के लिए जिम्मेदार बनता है। उन्होंने हादसे के आरोपितों पर कार्रवाई करने के लिए चीफ मिनिस्टर आफिस (सीएमओ) में कैप्टन अम¨रदर ¨सह को लिखा है पत्र, ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके।