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ग्रामीण क्षेत्रों में सवारियां न मिलने से बसों का परिचालन हुआ कम

कोरोना संक्रमण के भय ने ग्रामीण लोगों को बसों में सफर करने से वंचित कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 06:09 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में सवारियां न मिलने से बसों का परिचालन हुआ कम
ग्रामीण क्षेत्रों में सवारियां न मिलने से बसों का परिचालन हुआ कम

कमल कोहली, अमृतसर

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कोरोना संक्रमण के भय ने ग्रामीण लोगों को बसों में सफर करने से वंचित कर दिया है। जहां ग्रामीण लोग बसों में सफर करने से भयभीत हैं वहीं बस ऑपरेटर भी सवारियों की संख्या अधिक न होने के कारण इन रूटों पर बसें चलाने से कतरा रहे हैं। चाहे पंजाब रोडवेज हो चाहे मिनी बस व निजी बस ऑपरेटर, ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का परिचालन अब तक पूरी तरह नहीं कर रहे हैं।

जिला अमृतसर में करीब 300 से अधिक बसों का परिचालन ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों के लिए होता था, पर अब कोरोना संक्रमण के कारण सिर्फ पचास बसों तक सीमित रह गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के वासी अब अपने निजी वाहन साधनों का प्रयोग करने में लगे हैं। इन रूटों पर चलती हैं बसें

जिला अमृतसर से खेमकरण, भिखीविड, खालड़ा, तरनतारन, चौहला साहिब, अटारी, अजनाला, डेरा बाबा नानक, फतेहगढ़ चूड़ियां, संगतपुरा, झब्बाल, राजासांसी, लोपोके, चुगावां व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का परिचालन होता है। इनमें से अब कुछ ही रूटों पर बहुत कम सवारियों के साथ बसें चल रही हैं। नाममात्र सवारियों के साथ बसें चलाना मुमकिन नहीं

बस अड्डा अमृतसर के सुपरिटेडेंट सुंदर लाल ने बताया कि ग्रामीण रूटों में सवारियों की संख्या बस अड्डे में नाममात्र हैं। अभी पंजाब रोडवेज द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बसों को अधिक परिचालन शुरू नहीं किया गया है। अमृतसर-गुरदासपुर निजी बस ऑपरेटर के चेयरमैन चौधरी अशोक मनन ने कहा कि ग्रामीण रूटों में बसों को चलाया जा रहा है। पर सवारियों की संख्या ही नाममात्र है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अभी बसों में सफर नहीं कररहे है, जिस कारण घाटा पड़ रहा है। निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे लोग: बब्बू

मिनी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान बलदेव सिंह बब्बू ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों को अपनी चपेट में ले लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मिनी बसों में भी सफर करने के लिए नहीं आ रहे है। इस कारण कई गांवों के लिक अब परिवहन से टूट गए हैं। लोग सिर्फ अपने वाहनों में आने को प्राथमिकता दे रहे है।


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