कोरोना काल में निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करते रहे विक्की दत्ता
कोरोना काल में लाकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में लोग घरों में रहने को मजबूर हुए वहीं शहर की स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी निस्वार्थ भाव से काम किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना काल में लाकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में लोग घरों में रहने को मजबूर हुए, वहीं शहर की स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी निस्वार्थ भाव से काम किया। इनमें जय हो क्लब व मां दुर्गा वेलफेयर सोसाइटी का उल्लेखनीय योगदान है। इन संस्थाओं के प्रधान विक्की दत्ता ने सेवा और समर्पण की मिसाल प्रस्तुत की।
कोरोना की शुरुआत के साथ ही विक्की दत्ता ने प्रशासन की अनुमति से शहर में सैनिटाइजेशन का क्रम शुरू किया। शक्ति नगर से शुरू यह कार्य वाल सिटी, स्लम एरिया, पुलिस थानों व धार्मिक स्थानों तक पहुंचा। 100 से अधिक युवाओं की टीम ने तकरीबन पूरे शहर की सैनिटाइजेशन करवाई।
शक्ति नगर में 100 दिन तक लगातार लंगर लगाया गया। 500 लोगों का लंगर पैक कर उनके घर तक पहुंचाया गया, जबकि 600 से अधिक लोगों को यहीं परोसा गया। रिक्शा चालक व श्रमिक वर्ग जो कोरोना काल में असहाय हो गए थे, उनकी पेट की ज्वाला शांत की। यहीं बस नहीं 50 जरूरतमंद परिवारों को गैस सिलेंडर वितरित किए गए। 24 हजार लोगों को राशन पहुंचाया गया। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए विक्की दत्ता ने ब्रेन बूस्टर चाकलेट के डिब्बे दिए।
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वारियर्स के सम्मान में दो मिनट का एक वीडियो जारी किया गया था। इसमें पंजाब में जय हो क्लब द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों को शामिल किया गया। इस संस्था की कार्यप्रणाली और सकारात्मक सोच को वीडियो में जगह मिली। मैंने और टीम ने हमेशा नियमों का पालन किया
विक्की दत्त कहते हैं, कोरोना काल में मेरे पारिवारिक सदस्य संक्रमित हो गए। मैंने व मेरी टीम कोरोना से बचने के लिए मास्क पहना, शारीरिक दूरी के नियम का हमेशा पालन किया। हालांकि हम संक्रमण के बेहद नजदीक रहते थे इसलिए प्रोटीन युक्त आहार, हरी सब्जियां, फल व गर्म पानी का लगातार सेवन करते रहे। इस संकटकाल में जो कुछ कर सकते थे, वह किया। हमारा मकसद श्रेय लेना नहीं, अपितु मानवता की सेवा करना था।