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75 लाख पेमेंट न होने पर वन विभाग ने वल्ला आरओबी का काम रुकवाया

वल्ला सब्जी मंडी रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का काम एक बार फिर से बंद हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 09:30 AM (IST)
75 लाख पेमेंट न होने पर वन विभाग ने वल्ला आरओबी का काम रुकवाया
75 लाख पेमेंट न होने पर वन विभाग ने वल्ला आरओबी का काम रुकवाया

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: वल्ला सब्जी मंडी रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का काम एक बार फिर से बंद हो गया है। 30 अक्टूबर को सेना से एनओसी मिलने के बाद लगभग पौने दो साल से बंद पड़ा हुआ आरओबी का काम शुरू हो सका था। अब वन विभाग ने अड़ंगा डालते हुए नगर सुधार ट्रस्ट की तरफ अपना बकाया दिखाते हुए उसे क्लीयर न करने तक काम बंद करवा दिया है। हालांकि नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दमनदीप सिंह और जंगलात विभाग के अधिकारियों से हुई बात के बाद दमनदीप ने दावा किया है कि जल्द ही काम दोबारा शुरू हो जाएगा।

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दरअसल, 66 करोड़ की लागत से 2019 में आरओबी का काम शुरू हुआ था, पर दिसंबर 2019 में सेना द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। सेना का असलहा भंडार इस क्षेत्र में ही है। इसके चलते सेना ने यह काम रुकवा दिया था। ट्रस्ट की पौने दो साल की जद्दोजहद के बाद 30 अक्टूबर 2021 में दोबारा यह काम शुरू हुआ। अभी इस काम को शुरू हुए एक महीना भी नहीं हुआ कि वन विभाग ने अपने बकाया के भुगतान को मुद्दा बनाते हुए इसे रुकवा दिया है। वल्ला आरओबी का एक साइड का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अब सिर्फ 20 फीसद काम सब्जी मंडी की तरफ का रह गया है। आरओबी की लंबाई 596 मीटर है। कचहरी चौक पर अधिग्रहण की जमीन की नहीं की पेमेंट

वन विभाग ने यह कहते हुए आपत्ति उठाई है कि अकाली सरकार के समय जब कचहरी चौक पर फ्लाईओवर बनाया गया तो उस समय उसमें उनके विभाग की जमीन एक्वायर की गई थी। इसका भुगतान नहीं हो सका था। इसके अलावा कुछ बकाया पहला भी बनता है, जो ट्रस्ट की तरफ लंबित है। अब फिर से वन विभाग की जमीन आरओबी में ली गई है, जब तक पेमेंट नहीं होगी, तब तक निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। जमीन की एवज में जमीन मांग रहा विभाग: चेयरमैन

नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दमनदीप सिंह उप्पल ने बताया कि वन विभाग का ट्रस्ट पर लगभग 75 लाख रुपये बकाया है। ट्रस्ट यह देने को तैयार है, पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक वह भुगतान नहीं ले सकते, बल्कि इसकी एवज में उन्हें ट्रस्ट से जमीन ही चाहिए। इस बाबत जंगलात विभाग के अधिकारियों से पूछा गया था कि वह कौन सी जमीन चाहते हैं। एक दो जगहों को लेकर उनसे बात चल रही है। जिस जमीन पर भी सहमति बनेगी, उसकी रजिस्ट्री वन विभाग के नाम करवा दी जाएगी और जल्द आरओबी का निर्माण शुरू हो जाएगा।


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