गुरु नानक देव अस्पताल की सुरक्षा में 65 वर्दीधारी तैनात
पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान में डॉक्टरों व मरीजों की सुरक्षा के लिए अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था कायम की गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान में डॉक्टरों व मरीजों की सुरक्षा के लिए अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था कायम की गई है। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग द्वारा संचालित इस अस्पताल में प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी के 65 सुरक्षा कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है। सोमवार को सभी कर्मचारियों को विभिन्न प्वाइंट्स पर ड्यूटी पर लगाया गया। गुरुनानक देव अस्पताल में 35 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज में 30।
मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग ने अस्पताल में सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी से टाइअप किया है। वीरवार को कंपनी के सुरक्षा कर्मचारी अस्पताल में तैनात हो गए। इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड, मेडिसिन वार्ड, गायनी वार्ड सहित अस्पताल परिसर में सुरक्षा कर्मचारी फैले हुए हैं। अस्पताल में आने वाले हर शख्स से पूछताछ के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है। मरीज के साथ एक अटेंडेंट को अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शिवचरण ने बताया कि सुरक्षा कर्मचारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को अंदर प्रवेश न करने दें।
डॉक्टरों पर हमले, छेड़छाड़ व चोरी की घटनाओं के बाद लिया फैसला
गुरुनानक देव अस्पताल में लगातार हो रही महिलाओं से छेड़छाड़, लूट व डॉक्टरों पर हमले की वारदातों से यहां कार्यरत डॉक्टरों, सहयोगी स्टाफ एवं मरीजों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो गया था। इसी वर्ष फरवरी माह में एक महिला डॉक्टर के साथ आधी रात को छेड़छाड़ की गई। छेड़छाड़ करने वाला निजी सुरक्षा कंपनी का कर्मचारी था। महिला डॉक्टर ने जब इस मामले की शिकायत अस्पताल के तत्कालीन मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुरिदर पाल से की तो उन्होंने साफ कहा कि सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है। डॉ. सुरिदर पाल के इस कथन के बाद गुरुनानक देव अस्पताल में उनके खिलाफ डॉक्टरों ने विद्रोह कर दिया। जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दीं और डॉ. सुरिदर पाल को पद से हटाने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिदरा ने इस मामले में डॉ. सुरिदर पाल को एमएस की कुर्सी से हटा दिया था। इसी प्रकार अस्पताल में एक पीजी डॉक्टर पर मरीज के परिजनों द्वारा हमला किया गया। वहीं एक महिला डॉक्टर का मोबाइल फोन छीन लिया गया। इन घटनाओं के बाद अस्पताल की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही थी, वहीं डॉक्टर भी दहशत के साये में काम कर रहे थे।
ड्यूटी में कोताही पर सात कर्मचारियों को नोटिस
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शिवचरण ने अस्पताल में कार्यरत सात कर्मचारियों को नोटिस जारी किए हैं। इन पर आरोप है कि ये अपना काम सलीके से नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह दिन रात अस्पताल की विभिन्न वार्डों का राउंड कर वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे हैं। अस्पताल में जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।