शहर के 65 तंग रिहायशी इलाके क्वारंटाइन, सुरक्षा नदारद
। कोरोना वायरस से शहर के 65 तंग रिहायशी इलाकों के लोगों को क्वारंटाइन किया गया मगर यहां के लोगों पर न तो क्वारंटाइन और न ही कर्फ्यू का असर है।
जागरण संवाददाता, छेहरटा (अमृतसर)
कोरोना वायरस से शहर के 65 तंग रिहायशी इलाकों के लोगों को क्वारंटाइन किया गया, मगर यहां के लोगों पर न तो क्वारंटाइन और न ही कर्फ्यू का असर है।
इन इलाकों में लोग लापरवाही बरत रहे हैं। ग्रुप बना कर दिन भर इधर-उधर घूमते दिखाई देते हैं। सुरक्षा के नाम पर पुलिस शहर के चौक-चौराहों में तो मौजूद है मगर उक्त इलाकों के बाहर कहीं भी नाकेबंदी नजर नहीं आई। वहीं कई लोगों में राशन नहीं दिए जाने को लेकर गुस्सा पाया जा रहा है।
लाहौरी गेट के बाहर क्वारंटाइन किए गए खाई मोहल्ला निवासी संतोष कुमारी, रजनी, किरण कुमारी, बलविदर कौर, सलौनी, सीमा, कांता, पूजा, माही, वंदना, रमा, पप्पी, रवी, मधू ने बताया कि जिला प्रशासन ने उनके मोहल्ले को क्वारंटाइन किया। उन्होंने कहा कि सुना है कि उन लोगों को राशन घरों में ही मिलेगा, लेकिन अब तक किसी अधिकारियों ने इसके लिए उनसे संपर्क नहीं किया।
हकीमां गेट के बाहर लेबर कॉलोनी की चंद्र कला, ओम प्रकाश और बंगलाबस्ती की सरबजीत कौर, राज हरि सिंह, सोनिया, बेवी, रेनु और निक्की ने बताया कि वे लोग मेहनत मजदूरी कर अपने परिवारों का भरण पोषण करते थे। लेकिन पिछले पंद्रह दिनों से लगाए कर्फ्यू के चलते वे लोग घरों में बंद हैं और अधिकारियों ने उनकी सुध भी नहीं ली। शहर की कोई समाज सेवी संगठन भी उनके इलाके में राशन बांटने नहीं आया।
इसी तरह छेहरटा के हरकृष्ण नगर गली नंबर एक के निर्मल सिंह, कुलदीप सिंह, धरमिदर सिंह, राजवंत कौर, बलजीत कौर, जसवंत कौर, जोगिदर कौर और दलजीत कौर ने बताया कि कर्फ्यू के चलते दो हफ्तों से कुछ काम नहीं किया। घरों में राशन खत्म हो चुका है। अखबारों में पढ़ते हैं कि सरकार हर जरुरतमंद परिवार को मुफ्त राशन देगी। अब तक न तो कोई अधिकारी उनके इलाके में आया और न ही कोई सरकारी मदद पहुंच पाई है।