गले की नस काट गई ड्रैगन डोर, लहूलुहान हुआ ओटी असिस्टेंट
जागरण संवाददाता, अमृतसर सरकार की ओर से प्रतिबंधित की गई चाइना डोर अभी भी आसमान में बलख
जागरण संवाददाता, अमृतसर
सरकार की ओर से प्रतिबंधित की गई चाइना डोर अभी भी आसमान में बलखा रही है। मंगलवार को चाइना डोर ने पार्वती देवी अस्पताल के ओटी असिस्टेंट कश्मीर ¨सह के गले की नस काट दी। कश्मीर ¨सह अपनी पत्नी के साथ स्कूटर पर सवार होकर रंजीत एवेन्यू स्थित पार्वती देवी अस्पताल आ रहे थे। जब वह गुमटाला बाइपास पर स्थित पुल के नीचे पहुंचे, अचानक उन्हें गले से चाइना डोर लिपट गई। इस दौरान उसका स्कूटर अनियंत्रित होने लगा। बड़ी मुश्किल से उन्होंने चाइना डोर को गले से खींचकर निकाला। इस दौरान चाइना डोर अपना काम कर चुकी थी। कश्मीर ¨सह का गला व हाथ लहूलुहान हो गए। घटना के बाद किसी अनहोनी की आशंका के कारण उनकी नेहा पत्नी चिल्लाने लगी। कश्मीर ¨सह ने बताया कि मैंने पत्नी को समझाया कि कुछ नहीं हुआ है। चाइना डोर ने उन्हें जख्मी किया है।
कश्मीर ¨सह पार्वती देवी अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी नेहा भी एक निजी अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत है। वह अपने पति को तत्काल अस्पताल ले गई। यहां प्राथमिक उपचार के बाद कश्मीर ¨सह को पार्वती देवी अस्पताल भेज दिया गया।
पार्वती देवी अस्पताल में डॉ. भोला ¨सह सिद्धू ने कश्मीर ¨सह के गले में चार टांके लगाए हैं। डॉक्टर के अनुसार कश्मीर ¨सह के गले की नसें कट गई थी। यदि थोड़ी चाइना डोर और गहरा घाव देती तो निश्चित ही नसें पूरी तरह से कट जातीं। इससे मस्तिष्क में खून की आपूर्ति रुक जाती और फिर कश्मीर ¨सह को बचाना मुश्किल होता। फिलहाल कश्मीर ¨सह की हालत खतरे से बाहर है। डॉ. भोला ¨सह ने कहा कि चाइना डोर पर प्रतिबंध तो लगाया गया, लेकिन लोग आज भी इसी डोर का इस्तेमाल कर रह हैं।