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अमृतसर हादसा: हे भगवान! लोग ट्रैक पर मर रहे थे और कुछ लगे थे ऐसी हरकत में

अमृतसर के जोड़ा फाटक पर हुए हादसे में इतने संख्‍या में मारे जाने के दौरार मानवता ने भी दम तोड़ दिया। कुछ लोग हादसों के शिकार व्‍यक्तियों की मदद करने की बजाय चोरी में लगे थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 07:51 PM (IST)
अमृतसर हादसा:  हे भगवान! लोग ट्रैक पर मर रहे थे और कुछ लगे थे ऐसी हरकत में
अमृतसर हादसा: हे भगवान! लोग ट्रैक पर मर रहे थे और कुछ लगे थे ऐसी हरकत में

अमृतसर, [नितिन धीमान]। जोड़ा फाटक रेल हादसे में 62१ लोगों की मौत के साथ इंसानियत की मौत भी हो गई। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर बिछी लाशों व तड़प रहे जख्मियों को अस्पताल पहुंचाने की बजाय कुछ लोगों ने इनके सामान पर हाथ साफ कर दिए। किसी के गले से चेन उतार ली गई, तो किसी का मोबाइल उठा लिया। काल का ग्रास बन चुके लोगों का सामान चोरी कर इन शैतानों ने इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया। चोराें ने अस्‍पतालों में भर्ती मरीजों को भी नहीं छोड़ा।

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चोरों ने न तो मारे गए लोगों को बख्शा और न ही अस्पताल में भर्ती मरीज

दरअसल, अपनों की मौत का मातम मना रहे लोगों की आंखें आज भी नम हैैं। वह सब जानते हैैं कि लाश बने उनके बच्चों की जेबों से क्या-क्या गायब हुआ, पर उन्हें इस सामान से कोई सरोकार नहीं। मतलब तो उनसे था, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।

ट्रैक पर हुई मौतों के बाद सामान उड़ा ले गए चोर

16 वर्षीय बॉडी पांडे को सिविल अस्पताल लाया गया था। उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। दशमेश नगर की गली नंबर 14 में रहने वाले बॉबी के पास मोबाइल फोन था, जो हादसे के बाद गायब हो गया। अब स्विच ऑफ आ रहा है। उसके पिता उदय पांडेय ने कहा कि मोबाइल या सामान जो ले गया, वो रख ले। हमें कुछ नहीं चाहिए। हमारे बुढ़ापे का सहारा चला गया। यह जख्म ताउम्र भरेगा नहीं।

हादसे में मारे गए बासु निवासी शरीफपुरा का मोबाइल फोन व चेन गायब हैं। पिता विक्की मल्होत्रा ने कहा कि मेरा सब कुछ लुट जाता तो भी गम नहीं था। बेटा सही सलामत लौट आता तो मेरी दुनिया आबाद हो जाती। 19 वर्षीय मनीष निवासी जोड़ा फाटक धर्मपुरा का मोबाइल फोन नहीं मिला। रेलवे ट्रैक पर बुरी तरह घायल मनीष को अस्पताल लाया गया, जहां उसकी भी मौत हो गई।

उत्तरप्रदेश कल्याण परिषद के प्रवक्ता रामभुवन ने कहा कि ज्यादातर मृतकों का सामान गायब है। परिवार वाले इसलिए नहीं बोल रहे, क्योंकि वे गहरे सदमे में हैं। जहां लाशों के ढेर लगे हों, चीख-चित्कार मची हो, वहां ऐसा घिनौना काम करने का दुस्साहस कोई शैतान ही कर सकता है।

चोर ने जख्मी से कहा-डॉक्टर आपसे बात करना चाहते हैं, फोन लिया और निकल गया

हादसे में जख्मी हुए फूल चंद को भी चोरों ने नहीं बख्शा। अस्पताल में उपचाराधीन फूल चंद कुमार का मोबाइल फोन चोर ने उड़ा लिया। फूल चंद ने बताया कि उसके पैर की हड्डी टूटी गई थी। गुरुनानक देव अस्पताल की ऑर्थो वार्ड में शुक्रवार से एडमिट है। मंगलवार को एक शख्स वार्ड में आया। उसने मुझसे कहा कि डॉक्टर साहब आपसे बात करना चाहते हैं। अपना मोबाइल दो मैं बात करवा देता हूं। मैंने उसे अपना मोबाइल दे दिया।

फूलचंद ने बताया कि उसने नंबर मिलाया और किसी से बात करते करते बाहर चला गया। काफी देर तक जब वह नहीं आया तो मैंने अपने रिश्तेदार से कहा कि वह बाहर जाकर देखे। वह शख्स बाहर भी नहीं था। इसके बाद मैंने किसी का फोन लेकर अपना नंबर मिलाया तो मोबाइल स्विच ऑफ था। बाद में मुझे अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि वह चोर था जो आपका मोबाइल ले गया है। डॉक्टर कभी मरीज से फोन पर बात नहीं करते। डॉक्टर वार्ड में आकर ट्रीटमेंट करते हैं।


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