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सीए प्रोफेशनल्स बोले, कोरोना काल में जीएसटी और इन्कम टैक्स प्रणाली बनीं सिर दर्द

केंद्र सरकार की ओर से करीब चार साल पहले गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 09:00 AM (IST)
सीए प्रोफेशनल्स बोले, कोरोना काल में जीएसटी और इन्कम टैक्स प्रणाली बनीं सिर दर्द
सीए प्रोफेशनल्स बोले, कोरोना काल में जीएसटी और इन्कम टैक्स प्रणाली बनीं सिर दर्द

हरदीप रंधावा, अमृतसर: केंद्र सरकार की ओर से करीब चार साल पहले गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू किया गया। इसका उद्देश्य अलग-अलग तरह के टैक्सों को समाहित करके एक ही कर प्रणाली को लागू करना था। हालांकि समय-समय पर इस प्रक्रिया के कारण कारोबारियों को आ रही समस्याओं को लेकर इसमें बदलाव भी हो रहे हैं। मगर कई नियमों के कारण कारोबारियों व उनकी जीएसटी रिटर्न भरने वाले सीए प्रोफेशनल्स और वकीलों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी के तहत दैनिक जागरण की ओर से राउंड टेबल कांफ्रेंस (आरटीसी) का आयोजन किया गया। नार्दर्न इंडिया रिजनल कौंसिल (एनआइआरसी) की स्थानीय ब्रांच इंस्टीटयूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) के सहयोग से करवाए कार्यक्रम में गुड्स सर्विस टैक्स (जीएसटी), इन्कम टैक्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) प्रोफेशन के साथ जुड़े प्रोफेशनल्स ने सरकार के ढुलमुल रवैये को दुरुस्त करने पर अपने विचार रखे। उनका कहना है कि कोविड के कारण जीएसटी और इन्कम टैक्स प्रणाली में समस्या के कारण सिरदर्दी बढ़ गई है। इसलिए सरकार को इसमें सुधार करना चाहिए। पिछले करीब डेढ़ साल से कोविड-19 की महामारी का प्रकोप चल रहा है। कारोबार को खासा नुकसान हुआ है। स्माल स्केल इंडस्ट्री को राहत देते हुए उन्हें कारोबार के लिए उठाए गए कर्ज पर तीन-चार फीसद सब्सिडी का लाभ देना चाहिए, जोकि वर्तमान समय में बेहद जरूरी है।

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सीए जतिदर वांसिल, चेयरमैन, आइसीएआइ ई-प्रोसीडिग में सरकार को सोच समझकर हालात को मुख्य रखते हुए ड्यू डेट अनाउंस करनी चाहिए। अचानक ही ड्यू डेट अनाउंस होने पर कारोबारी ही नहीं बल्कि चार्टर्ड अकाउंट (सीए) को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। कोविड-19 की महामारी के बीच राहत मिलनी चाहिए।

सीए संजय अरोड़ा, पास्ट चेयरमैन, आइसीएआइ कारोबारियों की सहायता करने के लिए स्थापित किए गए जीएसटी के हेल्प डेस्क पर वर्तमान समय में सुधार की विशेष जरूरत है, क्योंकि जब कोई कारोबारी अपनी समस्या के समाधान संबंधी संपर्क करते हैं, तो वे कोई समाधान न मिलने की वजह से परेशानी से ही गुजरते हैं।

सीए इकबाल ग्रोवर, चेयरमैन, नकासा जीएसटी व सर्विस टैक्स के नोटिस भेजकर कारोबारियों को तंग किया जा रहा है। यह सरकार को बंद करना चाहिए। कारोबारी कोरोना महामारी के चलते कारोबार सुचारु ढंग से चलाने में अक्षम दिखाई दे रहे हैं। सरकार को कारोबारियों की मदद करनी चाहिए, न कि परेशान।

विदित वैंकुठ वांसिल, सीए नए इन्कम टैक्स पोर्टल के सही ढंग से नहीं चलने की वजह से इन्कम टैक्स फाइल करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जबकि पुराना इन्कम टैक्स पोर्टल बढि़या ढंग से काम करता था। इन्कम टैक्स का नया पोर्टल शुरू करके लोगों के लिए परेशानी खड़ी हुई है।

भावेश महाजन, सीए जीएसटी व इन्कम टैक्स संबंधी जब भी सरकार कोई नया आदेश जारी करती है, तो उसे निर्धारित समय में लागू करने में भी ध्यान देना चाहिए। ई-फाइलिग के लिए सरकार मर्जी से ही तारीखें घोषित करती है। लोगों को जागरूक करने के मकसद से सही समय पर नोटिफिकेशन जारी हो।

अमित हांडा, सीए सरकार ने इन्कम टैक्स फाइल करने के लिए जो नया पोर्टल लांच किया है, उसमें खामियां पाई जाने की वजह से आज तक सही तरह से चल नहीं पाया है। नए पोर्टल छह जून को शुरू करने की घोषणा की थी, जोकि देरी से चालू होने की वजह से करदाता परेशान हो रहे हैं।

शशिपाल, सीए इन्कम टैक्स पहले कानून के चलते ट्रस्ट व सोसायटी को एक ही बार 12एए सेक्शन में मान्यता लेनी पड़ती थी, जोकि जीवन भर मान्य थी। 80जी के अंतर्गत भी एक बार ही मान्यता थी और टैक्स में रिबेट मिलती थी। अब पांच साल बाद मान्यता के फैसले पर विचार होना चाहिए।

मनदीप सिंह, सीए सरकार इन्कम टैक्स की प्रणाली में सुधार करना चाहती है, जो सराहनीय है, मगर सही दिशा में न होना आम लोगों के साथ-साथ चार्टर्ड अकाउंट (सीए) व इन्कम टैक्स के केस लड़ने वाले वकीलों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इन्कम टैक्स प्रणाली लोकहित में हो।

गौरव अग्रवाल, सीए कोविड-19 महामारी ने छोटे व बड़े कारोबारियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। महामारी में लगभग अठारह महीने के लिए उनका पांच से लेकर दस लाख रुपये ब्लाक हो गया है, क्योंकि उनके कारोबार में मार्जन भी बहुत कम है। कारोबारी के साथ साथ जनता को राहत मिले।

सुमित जेटली, सीए


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