अस्पताल में उठेगा धुआं तो बजेगा अलॉर्म, आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम होगा इंस्टॉल
जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में आगजनी की घटना से निबटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर :
जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में आगजनी की घटना से निबटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। आग लगने से पहले धुआं उठने की सूरत में सिविल अस्पताल में अलॉर्म बजने लगेंगे। इसके बाद फायर सेफ्टी सिस्टम की पाइपों के जरिए अस्पताल के कर्मचारी किसी भी कोने में आग बुझा सकेंगी।
दरअसल, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन ने सिविल अस्पताल में नया फायर सेफ्टी सिस्टम इंस्टॉल करने को स्वीकृति दे दी है। तकरीबन ढाई लाख रुपये की लागत से स्थापित होने वाला यह सिस्टम पूरी तरह से आधुनिक होगा। हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के इंजीनिय¨रग ¨वग ने सिस्टम इंस्टॉल करने का कार्य शुरू कर दिया है। अस्पताल परिसर में स्थित पानी की टंकी के समीप ही इसे तैयार किया जा रहा है। यहां पहले से ही निर्मित अंडरग्राउंड टैंक में पानी की पाइपें फिट की जा रही है। तकरीबन दो महीने में यह काम पूरा हो जाएगा।
सिविल अस्पताल की इमारत का निर्माण वर्ष 2000 में हुआ था। एक साल बाद यहां आगजनी की घटनाओं से निबटने के लिए फायर सेफ्रटी सिस्टम लगाया गया। वर्षों तक इसी पुराने सिस्टम को अस्पताल प्रशासन घिसता रहा। वर्ष 2014 में पुराने सिस्टम में तकनीकी खराबी आ गई। हालांकि तकनीकी खराबी पहले भी कई बार आती रही, लेकिन इसे बार—बार दुरुस्त करवा लिया जाता रहा। चार वर्ष पूर्व डेड हुए इस सिस्टम को पुनर्जीवित करने के लिए इंजीनियर्स ने खासी मशक्कत की, लेकिन पुरानी पाइपें होने की वजह से जगह-जगह लीकेज थी। इसके अतिरिक्त सिविल अस्पताल में मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर की इमारत तैयार करते समय जगह-जगह खुदाई की गई। इस दौरान पुरानी पाइपों को नुकसान पहुंचा, वहीं पानी के टेंक को भी क्षति पहुंची। ऐसे में सिविल अस्पताल में आग लगने की सूरत में सेंट्रल फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं था। अस्पताल प्रशासन गैस सिलेंडर्स समय-समय पर रिफिल करवाकर अस्थायी प्रबंध करता रहा, लेकिन इतने बड़े अस्पताल में ये सिलेंडर्स नाकाफी हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेंडर जारी कर नए सिस्टम तैयार करवाया जा रहा है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के इंजीनियर्स की देखरेख में काम जारी है।
कायाकल्प टीम ने फायर सेफ्टी
सिस्टम पर दर्ज की थी आपत्ति
कायाकल्प व क्वॉलिटी इंश्योरेंस प्रोजेक्ट में नंबर वन का खिताब पा चुका सिविल अस्पताल इस बार पिछड़ गया। कायाकल्प की टीम ने अस्पताल का मौका—मुआयना करने के बाद कंडम हो चुके फायर सेफ्टी सिस्टम की खामी उजागर की। टीम ने सिविल अस्पताल के अंकों में भी भारी कटौती की थी। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस सिस्टम को दुरुस्त करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। वैसे भी सिविल अस्पताल में हर रोज एक हजार से पंद्रह सौ मरीज ओपीडी में जांच करवाने आत हैं। तकरीबन 200 मरीज इनडोर में दाखिल रहते हैं। ऐसे में यदि आगजनी की घटना से निबटने के प्रबंध न हों तो निश्चित ही बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि पिछले 18 वर्षों में ऐसी कोई घटना अस्पताल में नहीं हुई, लेकिन अस्पताल के बाहर स्थित खोखे व दुकानों में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। आधुनिक होगा फायर सिस्टम : डॉ. अरोड़ा
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. रा¨जदर अरोड़ा का कहना है कि पुरानी पाइपें को उखाड़ कर नई नई पाइपें लगाई जा रही हैं। अबकी बार फायर सिस्टम की पाइपों से पूरे प्रेशर से पानी दौड़ेगा। इस सिस्टम में स्मॉग अलॉर्म फिट किया गया है। अस्पताल में धुआं उठते ही अलॉर्म अलॉर्म बज उठेगा। यदि कोई शख्स अस्पताल परिसर में धूम्रपान भी करता है तो यह अलॉर्म एक्टिवेट हो जाएगा। धूम्रपान करने वालों की सूचना मिलने पर अस्पताल प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा।