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डिलीवरी कर रहे थे डॉक्टर, लापरवाही से जा सकती थी जान

तरनतारन रोड स्थित एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी के समय उसकी मू्त्रनलिका कट गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 02:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 02:57 AM (IST)
डिलीवरी कर रहे थे डॉक्टर, लापरवाही से जा सकती थी जान
डिलीवरी कर रहे थे डॉक्टर, लापरवाही से जा सकती थी जान

जागरण संवाददाता, अमृतसर :

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तरनतारन रोड स्थित एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी के समय उसकी मू्त्रनलिका कट गई। डॉक्टर की लापरवाही से हुई इस घटना के बाद महिला की हालत बिगड़ी और वह बेहोश हो गई। मूत्र नलिका कटने से महिला के शरीर से अत्यधिक रक्तस्त्राव भी हुआ। खास बात यह है कि डॉक्टरों ने परिजनों को बिना बताए महिला को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला को मल-मूत्र त्यागने में भारी परेशानी हुई। परिजनों ने मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त निजी अस्पताल में कोमल नामक महिला की डिलीवरी की जा रही थी। कोमल के पति सर्बजीत के अनुसार डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी करने की बात कही थी। डिलीवरी के दौरान डॉक्टर द्वारा लगाए गए कट से कोमल की मूत्र नलिका कट गई। डिलीवरी की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया है। वह बेटा होने की खुशी मनाते हुए कोमल को घर ले आ गए। घर आकर कोमल को मल मूत्र त्यागने में भारी परेशानी हुई। इसके बाद एक अन्य निजी अस्पताल के डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि मूत्र नलिका कटने की वजह से महिला को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद वह पुन: उसी अस्पताल में गए जहां कोमल की डिलीवरी हुई थी। यहां डॉक्टरों ने अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया। फिर वह कोमल को सरकारी अस्पताल ले आए। यहां से भी जवाब मिल गया। फिर उन्होंने अपने एक परिचित की मदद से कोमल का उपचार करवाया है। सर्बजीत ने सिविल सर्जन को दी शिकायत में स्पष्ट किया है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही तो दिखाई ही साथ ही उन्हें इस बारे में न बताकर गुमराह भी किया है, इसलिए डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

तीन सदस्यीय कमेटी कर रही है जांच

सहायक सिविल सर्जन डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि मामले की इंक्वायरी अभी चल रही है। सिविल सर्जन कार्यालय के तीन अधिकारी इस मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं। इसके बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। वहीं पूर्व सिविल सर्जन डॉ. न¨रदर कौर ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों का बोर्ड बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच अभी चल रही है।


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