बच्चे की पढ़ाई फ्री होगी, झांसा देकर सिविल अस्पताल से नवजात शिशु ले गए
। अमृतसर के सिविल अस्पताल में अजीबोगरीब ढंग से बच्चा गायब कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
नवजात शिशुओं के गायब होने की घटनाएं देश भर में सुनने को मिल जाती हैं, लेकिन अमृतसर के सिविल अस्पताल में अजीबोगरीब ढंग से बच्चा गायब कर दिया गया। तीन अज्ञात लोगों ने इसी अस्पताल में एडमिट एक महिला के नवजात शिशु को उठाया और रफूचक्कर हो गए। असल में इन तीनों ने इन बच्चों के अभिभावकों को यह झांसा दिया कि वे बच्चों की मेडिकल इंश्योरेंस करवा रहे हैं। इससे उन्हें आजीवन सेहत सुविधाएं फ्री मिलेंगी, वहीं पढ़ाई पर भी खर्च नहीं होगा। वे एक नवजात लड़की को भी अपने साथ ले गए थे, लेकिन लड़की को छोड़ दिया और लड़का अपने साथ ले गए। इस घटना के बाद सिविल अस्पताल में बवाल मच गया। बच्चा गायब होने की सूचना पाकर पुलिस व अस्पताल प्रशासन गायनी वार्ड में पहुंचा। परिवार के सदस्यों के बयान लेने के अलावा पुलिस ने उस जगह का भी निरीक्षण किया जहां से बच्चा गायब हुआ था।
दलजीत कौर निवासी गांव जठौल ने बताया कि 23 सितंबर को सिविल अस्पताल में उसकी डिलीवरी हुई थी। उसने पुत्र को जन्म दिया। यह उनकी पहली संतान है। इसी दिन सपना नामक महिला की डिलीवरी भी हुई। सपना ने बेटी को जन्म दिया था। चूंकि हम दोनों की डिलीवरी सिजेरियन से हुई थी, इसलिए डॉक्टर ने हमें एडमिट रहने को कहा था। दलजीत के अनुसार बेटे के जन्म के बाद से ही एक महिला व दो पुरुष गायनी वार्ड में आ रहे थे। महिला कई घंटे तक मेरे व सपना के पास बैठी रहती थी। वह कहती थी कि हम बीमा कंपनी से आए हैं। हम नवजात शिशुओं का मेडिकल इंश्योरेंस करवाते हैं और उनकी निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था करते हैं। सोमवार को अपने दो साथियों संग फिर से वार्ड में आई। उसने कहा कि वह अपना बच्चा हमारे साथ भेजे, ताकि उसकी फोटो करवाकर फॉर्म भरवा सकें। यही बात इस महिला ने सपना से भी की। हमारा परिवार उसके झांसे में आ गए। मेरी मां हरदेश कौर और सपना की मां राज कौर दोनों बच्चों को लेकर उनके साथ चली गईं।
थोड़ी ही देर बाद मां हरदेश कौर का फोन आया। उसने बताया कि काके नूं हुसैनपुरा चौक तों चुक्क के ले गए। यह सुनकर मेरे पांवों तले जमीन खिसक गई। मेरे पति रंजीत सिंह हुसैनपुरा चौक पहुंचे। हरदेश कौर के अनुसार अपहर्ता हमें एक फोटोग्राफर की दुकान पर ले गए। पहले बच्चे की फोटो की फिर मुझे फोटो करवाने को कहा। इस दौरान महिला ने मुझसे बच्चा ले लिया। मैं फोटो करवा रही थी कि महिला और उसके साथी मोटरसाइकिल पर सवार होकर बच्चा लेकर फरार हो गए। मैं शोर मचाती रही। आसपास के लोग जब तक मामला समझ पाते, तब तक वे रफूचक्कर हो चुके थे। सपना की बेटी को उन्होंने हाथ नहीं लगाया।
इस घटना के बाद दलजीत और उसका परिवार गहरे सदमे में है। दलजीत का रो-रो कर बुरा हाल है। वह चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है कि उसे उसका बेटा वापस चाहिए।
इधर, सिविल अस्पताल पहुंची थाना रामबाग पुलिस ने सपना व दलजीत के बयान दर्ज किए हैं। प्राथमिक जांच में यह मामला बच्चा चोरी का ही माना गया है। पुलिस ने हुसैनपुरा चौक में पहुंचकर आसपास के दुकानदारों से भी बातचीत की, पर अभी कोई अहम सुराग हाथ नहीं लग पाया है। वहीं बेटी को जन्म देने वाली सपना ने कहा कि उसे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था, वरना वह अपनी बेटी को कभी किसी अपरिचित के साथ नहीं भेजती। वाहेगुरु का शुक्र है कि मेरी बेटी बच गई। कई दिनों से वार्ड में आ रही थी महिला सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि बच्चा चोरी करने वाली महिला पिछले काफी दिनों से गायनी वार्ड में आ जा रही थी। रविवार को भी उसे यहां देखा गया था। गायनी वार्ड का स्टाफ बताता है कि यह महिला दलजीत व सपना ने ऐसे बातें करती थीं मानों उनकी परिचित हो। यही वजह है कि किसी ने उसे रोका नहीं। इस मामले की जांच पुलिस द्वारा भी की जा रही है और अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर भी जानकारी जुटा रहा है। गायनी वार्ड के सीसीटीवी कैमरा की फुटेज खंगाली जा रही है। अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज थाना रामबाग के एसएचओ नीरज ने कहा कि पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। हम घटना के हर पहलू की जांच कर रहे हैं। एक संदिग्ध महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस मामले की गुत्थी जल्दी सुलझा ली जाएगी।