भगत सिंह की सोच पर आधारित है 'भगत ¨सह दी उडीक'
सेंसर बोर्ड द्वारा हल्के से बदलाव के बाद पंजाबी फिल्म भगत ¨सह दी उडीक दो फरवरी को रिलीज होगी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
सेंसर बोर्ड द्वारा हल्के से बदलाव के बाद पंजाबी फिल्म भगत ¨सह दी उडीक दो फरवरी को रिलीज होगी। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में दर्शाए गए कुछ शब्दों पर आपत्ति दर्ज की थी। निर्माताओं ने इन शब्दों को म्यूट कर दिया है। भगत ¨सह की जीवनी पर नहीं, बल्कि उनकी सोच पर आधारित इस फिल्म की स्टार कास्ट वीरवार को गुरु नगरी पहुंची। स्टारकास्ट ने विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब तक शीश नवाया।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए फिल्म के अभिनेता अर्श चावला ने कहा कि सेंसर बोर्ड को जिन शब्दों पर आपत्ति थे, वे आम हैं। यह फिल्म नवंबर में रिलीज की जानी थी, लेकिन सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इसके रिलीज में देरी हुई। अब सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि शहीद भगत ¨सह की सोच युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, पर दुख का विषय है कि हमारा समाज इस सोच को अडाप्ट नहीं कर पाया। इस फिल्म में शहीद भगत ¨सह की देश के प्रति सकारात्मक सोच को उकेरा गया है।
डायरेक्टर शिवम शर्मा ने कहा कि कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में हमेशा ही लोगों की पसंद नहीं है। पीरियड और बायोपिक फिल्मों भी पसंद की जाती है, पर इस तरह की फिल्में नहीं हैं जो लोगों को अपने कर्तव्य का बोध करवाती हों। नशा, भ्रष्टाचार जैसी कुरीतियां हमारे समाज में आज भी विद्यमान हैं।
कलाकार गुरप्रीत भंगु ने कहा कि लोग देश में भगत ¨सह चाहते हैं, पर खुद भगत ¨सह जैसा बनना नहीं चाहते। दुख का विषय है कि भगत ¨सह के विषय में बच्चों को सिर्फ उनका नाम, जन्म स्थान और शहादत के बारे में पढ़ाया जाता है। भगत ¨सह कौन थे, वह क्या चाहते थे और उन्होंने किसके लिए अपने प्राण न्यौछावर किए, यह बताना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। मैं एक टीचर रही हूं। हाल ही में प्री—रिटायरमेंट ली। मुझे लगता है कि स्कूलों में भगत ¨सह के पत्रों को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, तभी हर युवा की रगों में देश के प्रति जुनूनी रक्त का संचार होगा। भगत ¨सह दी उडीक फिल्म इंसान में युवा सोच का प्रवाह करेगी। फिल्म में खुशी मल्होत्रा, सुरभि, मलकीत रॉनी, सरदार सोही, गुरप्रीत भंगु, बीएन शर्मा जैसे दिग्गज कलाकार हैं।