बोन मैरो ट्रांसप्लांट से ही हो सकता है थैलेसीमिया का इलाज : डॉ. आंचल अरोड़ा
। डॉ. आंचल अरोड़ा ने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ना चिता का विषय है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
डॉ. आंचल अरोड़ा ने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ना चिता का विषय है। माता-पिता किसी एक में भी इस बीमारी के लक्षण होने पर पैदा होने वाले बच्चे का थैलेसीमिया से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है। इस लिए आजकल शादी से पहले रक्त जांच का प्रचलन होने लगा है। डॉ. अरोड़ा ने जानकारी रोटरी क्लब आस्था की ओर से आयोजित थैलेसीमिया जागरूक सेमिनार में दी।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि थैलेसीमिया जेनेटिक बीमारी है और इसका इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट से संभव है। क्लब प्रधान परमजीत सिंह के नेतृत्व में करवाए जागरूकता सेमिनार का आयोजन कन्वीनर पास्ट प्रेजिडेंट अमनदीप सिंह दुआ ने पांच क्लबों के साथ मिलकर करवाया। क्लब के सचिव डॉ. गगनदीप सिंह ने कहा कि इस तरह के जागरूकता सेमिनार भविष्य में भी करवाए जाएंगे। इस अवसर पर रोटरी क्लब साऊथ के प्रधान अमरिदर सिंह ढींगरा, नार्थ के प्रधान रमेश महाजन, रोटरी क्लब अमृतसर नॉर्थ-ईस्ट के सुधीर रणदेव, अमृतसर कैंट के एसएस दुग्गल के अलावा डा. केएस मनचंदा, जेएस डावर, जतिदर सिंह, अशोक कुमार, राज टंडन, जेएस कोहली और एएस चट्ठा भी उपस्थित थे।