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सज गया मां का दरबार, घर बैठे करें मां के भव्य दर्शन

हर साल नवरात्रों में भक्तों में बेहद उत्साह होता है। पिछले साल कोरोना महामारी की दस्तक के कारण देश भर में लाकडाउन होने से लोग घरों में कैद हो गए थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 04:30 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 04:30 AM (IST)
सज गया मां का दरबार, घर बैठे करें मां के भव्य दर्शन
सज गया मां का दरबार, घर बैठे करें मां के भव्य दर्शन

संस, अमृतसर: हर साल नवरात्रों में भक्तों में बेहद उत्साह होता है। पिछले साल कोरोना महामारी की दस्तक के कारण देश भर में लाकडाउन होने से लोग घरों में कैद हो गए थे। मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा रहा और घंटियों की आवाज आनी बंद हो गई थी। उस स्थिति में लोगों ने धैर्य का परिचय देते हुए चैत्र नवरात्र पर घरों में ही पूजा-अर्चना की। हालांकि आज वैसी बंदिशें नहीं हैं मगर कोरोना के मामले पहले से अधिक तेजी से आ रहे हैं। मंगलवार से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे। मंदिरों को फूलों के साथ सजाया गया है। वहीं इस बार कोरोना के प्रकोप के कारण मंदिर कमेटियों ने कार्यक्रमों को सीमित कर दिया है। नाइट क‌र्फ्यू लागू होने पर इस बार मंदिरों में शाम छह से रात नौ बजे तक कार्यक्रम होंगे। आप सभी पहले की तरह कोरोना को रोकने में सहयोग कर सकते हैं। दैनिक जागरण की तरफ से हर रोज आपको मां के दर्शन करवाए जाएंगे। दुग्र्याणा तीर्थ में बिना मास्क एंट्री नहीं

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श्री दुग्र्याणा तीर्थ कमेटी ने श्री दुग्र्याणा तीर्थ में कार्यक्रमों के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। कमेटी के प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा ने बताया कि मंदिर में सभी भक्तों को सैनिटाइज किया जाएगा। शारीरिक दूरी का पालन और मास्क पहनने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। माता शीतला मंदिर में भी कोविड-19 की हिदायतों का पालन किया गया है। घर बैठे फेसबुक और यूट्यूब पर लाइंव देखें कार्यक्रम

-श्री राम दरबार टुंडा तालाब के परम भक्त सतनाम ढींगरा ने कहा कि भक्त श्री राम दरबार के पेज और यू-टयूब पर धार्मिक समारोह का प्रसारण देख सकते हैं।

-श्री नवशक्ति डेरा जामुन वाली सड़क में होने वाले धार्मिक समारोह का प्रसारण फेसबुक और यू-टयूब पर होगा।

-आरती देवा जी करतार नगर मंदिर में भी होने वाले कार्यक्रम को लोग फेसबुक पर लाइव देख सकेंगे। इस तरह करें घट स्थापना

घर में ऐसे शांत व स्वच्छ स्थान का चयन करें जहां पर पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो। मिट्टी या किसी धातु के क्लश में गंगा जल, एक सिक्का, जौ, चावल, रोली व तिल डालें। कलश के मुंह पर आम के पांच या सात आम पत्ते रखें। क्लश पर रोली से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और मौली बांध दें। एक पानी वाले नारियल पर लाल चुनरी या वस्त्र बांध कर लकड़ी की चौकी या मिट्टी की बेदी पर ईशान कोण में स्थापित कर दें। जौ या खेतरी बीजना। इसी समय मिट्टी के गमले या मिट्टी की बेदी पर भुरभुरी मिट्टी में, जौ बीज कर आम के पत्तों से ढक दें। तीसरे दिन अंकुर निकल आएंगे। हरे रंग के अंकुर सौभाग्य व सुख समृद्धि के सूचक हैं।


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