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आंखें खोलने से पहले ही दुनिया छोड़ गया नवजात

तरनतारन सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगे पंघूड़े में वीरवार को तड़के मिले नवजात शिशु ने शुक्रवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि जब अस्पताल प्रशासन ने ब'चे को पंघूड़े में पाया था तो उस समय उसकी हालत गंभीर थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 01:43 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 01:43 AM (IST)
आंखें खोलने से पहले ही दुनिया छोड़ गया नवजात
आंखें खोलने से पहले ही दुनिया छोड़ गया नवजात

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगे पंघूड़े में वीरवार को तड़के मिले नवजात शिशु ने शुक्रवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

उल्लेखनीय है कि जब अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को पंघूड़े में पाया था तो उस समय उसकी हालत गंभीर थी। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल प्रशान ने बेबे नानकी वार्ड अमृतसर में दाखिल करवाया था। उधर, पुलिस ने पंघूड़े में बच्चा रखने वाली कलयुगी मां के खिलाफ केस दर्ज करके इस मामले को नया मोड़ दे दिया है।

पंघूड़े में आए लड़के को जब सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में प्रथम उपचार के लिए लाया गया तो बच्चे की धड़कन 30 थी, जो बहुत कम थी। जांच में पता चला कि उक्त मासूम आठ माह तक मां के पेट में रहने के बाद इस दुनिया में आया था। उसे तुरंत कलयुगी मां ने पंघूड़े के हवाले कर दिया। इस मासूम नन्हे लड़के को पंघूड़े में डालने वाली कलयुगी मां के विरुद्ध जिला बाल सुरक्षा अधिकारी कमलजीत सिंह के बयानों पर थाना सिटी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। उधर, बेबे नानकी अस्पताल में उपचाराधीन मुन्ने ने दम तोड़ दिया। सूत्रों मुताबिक कंवारी युवती द्वारा बच्चे को जन्म देकर पंघूड़े में रखा गया था। कयास लगाया जा रहा है कि बच्चे को जन्म दिलाने वाली दाई भी अनट्रेंड होगी। इसका सुबूत बच्चे के बंधे हुए नाड़ू से मिलता है। शुक्रवार को मासूम का डॉ. नीरज सहगल की अगुवाई में टीम ने पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद स्थानीय श्मशानघाट में मुन्ने को दफना दिया गया। मामला दर्ज करवाना जरूरी था : कमलजीत

जिला प्रशासन द्वारा दीपावली के अवसर पर पूंघड़ा स्कीम शुरू करते हुए कहा गया था कि इस पूंघड़े में बच्चे को रखने वाले किसी मां-बाप या अन्य व्यक्ति के खिलाफ कोई जांच नहीं की जाएगी। उधर, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी कमलजीत सिंह के आदेश पर थाना सिटी तरनतारन की पुलिस ने मुकदमा नंबर-15 धारा 317 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया। कमलजीत सिंह का कहना है कि पंघूड़े में छोड़े गए बच्चे को भविष्य में अडाप्ट करवाने के लिए कानूनी कार्रवाई जरूरी थी, जिसके तहत एफआइआर दर्ज करवाई गई है। पंघूड़े के पास क्यों नहीं लगा देते कैमरे : डॉ. गुप्ता

इस मामले का बाल सुरक्षा कमेटी के चेयरमैन डॉ. दिनेश गुप्ता ने कड़ा नोटिस लिया। उन्होंने कहा कि अगर पंघूड़े में बच्चा डालने वाले खिलाफ कानूनी कार्रवाई ही करनी है तो पंघूड़े के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा देने चाहिए। उन्होंने कहा कि अनचाहे या लावारिस बच्चों को कोई मरने लिए न फेंके, इस लिए पंघूड़ा स्कीम शुरू की गई है। पुलिस प्रशासन द्वारा जो एफआइआर दर्ज की है, इस पर आगे कार्रवाई न हो, इस बाबत पुलिस प्रशासन को लिखा जाएगा। कानून के दायरे में रह कर दर्ज किया गया है केस : डीएसपी

डीएसपी सब डिवीजन तरनतारन सुच्चा सिंह बल्ल कहते है कि जन्म के बाद बच्चे को पंघूड़े में फेंकने बाबत जिला बाल सुरक्षा अधिकारी द्वारा लिखित तौर पर शिकायत दी गई थी। उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर मामला दर्ज किया है। बल्ल कहते हैं कि बच्चे की मौत होना दुखद है। अब उस कलयुगी मां का पता लगाया जाएगा, जो मासूम को जन्म देने के बाद उसकी मौत का कारण बनी।


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