ऑपरेशन ब्लूस्टार : श्री अकाल तख्त साहिब में तनाव के बीच कार्यक्रम संपन्न
ऑपरेशन ब्लूस्टार की 32वीं बरसी पर संगत जुटनी शुरू हो गई है। इसमें कई अलगाववादी भी शामिल हैं। श्री अकाल तख्त साहिब में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर । ऑपरेशन ब्लू स्टार की 32वीं बरसी के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब व श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में खालिस्तान के नारों की गूंज व तनाव के बीच कार्यक्रम बिना किसी टकराव से संपन्न हो गया। खालिस्तानी समर्थकों ने वहां पर उपस्थित पुलिस प्रशासन, सीआइडी के अधिकारियों व कर्मचारियों, टास्क फोर्स के सैकड़ों कर्मियों के समक्ष खालिस्तान व जत्थेदार अकाल तख्त साहिब के विरुद्ध नारेबाजी कर उन्हें उकसाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इस पूरे कार्यक्रम की निगरानी कर रहे पुलिस व जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों की रणनीति के आगे यह अलगाववादियों की रणनीति काम न आई।
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 32वीं बरसी के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब की ड्योढ़ी से खड़े हािेकर सिख कौम के नाम संदेश देने के लिए उठे जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के विरुद्ध सिख भड़क उठे। ज्ञानी गुरबचन सिंह के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। हजारों सिख युवाओं जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं, ने खालिस्तान के नारे लगाने शुरू कर दिए। दल खालसा के समर्थकों ने अकाल तख्त साहिब परिसर में खालिस्तान का झंडा फहरा दिया।
अकाल तख्त साहिब के मुख्य भवन में ऑपरेशन ब्लू स्टार के शहीदों को श्रद्धासुमन भेंट करने के लिए पहुंचे सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़, मुख्य संसदीय सचिव विरसा सिंह वल्टोहा, विधायक रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा जब बाहर निकले तो उपस्थित हजारों लोगों के विरोध का उन्हें सामना करना पड़ा। तीनों अकाली नेताओं के साथ लोगों ने धक्का मुक्की की। गुस्साए विरसा सिंह वल्टोहा ने अकाल तख्त साहिब की निकासी द्वार के बाहर खड़े होकर ललकारा कि गुरु की हाजिरी में बेअदबी करने वालों में यदि दम है तो वह बाहर आकर अपनी बात रख सकते हैं। विरसा सिंह वल्टोहा की ललकार के बाद कोई भी आगे नहीं आया।
सिख कौम के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिख कौम के नाम संदेश देने के बाद लगभग एक घंटा तक अकाल तख्त साहिब के बाहर आने का साहस नहीं जुटा पाए। जैसे ही उन्होंने सिख कौम के नाम संदेश दिया टास्क फोर्स व उनके साथ जुड़ी पंजाब पुलिस के सुरक्षा कर्मचारियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लियाा बाहर नारेबाजी होती रही। अकाल तख्त साहिब की ड्योढ़ी में खड़े एसजीपीसी के कर्मी बाहर की स्थिति के बारे में जत्थेदार को बार-बार जानकारी दे रहा था। लगभग एक घंटे के बाद जत्थेदार को कड़ी सुरक्षा के बीच अकाल तख्त साहिब से बाहर निकाला गया। बाद में वह अपने ऑफिस पहुंच गए। जहां उन्होंने सिख कौम का संदेश पत्रकारों को पढ़कर सुनाया।
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रक्षा मंत्रालय भिंडरावाला के तीर व सिरी साहिब लौटाए : भाई खालसा
दमदमी टकसाल के मुखिया भाई हरनाम सिंह खालसा ने ब्लू स्टार के 32 वर्ष बीत जाने के बाद पहली बार जरनैल सिंह भिंडरावाला के तीर व तीन फुट की बड़ी 'सिरीÓ साहिब को लौटाने की मांग रक्षा मंत्रालय से की है। साथ ही कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब पर भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर बिना देरी संसद में एक प्रस्ताव लाकर समूची सिख कौम से केंद्र सरकार माफी मांगे। खालसा दमदमी टकसाल के मुख्यालय गुरुद्वारा गुरु दर्शन प्रकाश में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 32वीं बरसी पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर कई प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों में एसजीपीसी से आग्रह किया गया कि 1984 में मारे गए सिखों की तस्वीरें केंद्रीय सिख अजायब घर में लगाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं। श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता, प्रभुसत्ता व पंथक शक्ति को कमजोर करने की कोशिशों के प्रति सिख पंथ जागृत रहे। कुछ सिख विरोधी शक्तियां गुरु काल से चली आ रही परंपरा को मटियामेट करने का षड्यंत्र रच रही हैं। सिख पंथ के महान विरसे को संभालने व भविष्य के खतरे से सिख पंथ को अवगत करवाने के लिए रणनीति बनाई जाए। कई साल से जेल में बंद सिख कैदियों को तुरंत रिहा किया जाए।
मंजीत जीके ने लिया पिता का मरणोपरांत भिंडरावाला यादगारी सेवा रत्न सम्मान
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के पिता संतोख सिंह को मरणोपरांत संत जरनैल सिंह भिंडरावाला यादगारी सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान खुद मंजीत सिंह जीके ने लिया। इस मौके पर श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह सहित दिल्ली कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक बलजीत सिंह जलालउस्मा आदि भी मौजूद थे।