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नशा तस्करों पर नजर रखेंगे वीपीओ, युवाओं को खेलों से जोड़ेंगे

। विलेज पुलिस ऑफिसर (वीपीओ) अब थाने में ड्यूटी के अलावा अपने-अपने गांव में नशा तस्करों पर नजर रखेंगे और नशे को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 12:46 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:10 AM (IST)
नशा तस्करों पर नजर रखेंगे वीपीओ, युवाओं को खेलों से जोड़ेंगे
नशा तस्करों पर नजर रखेंगे वीपीओ, युवाओं को खेलों से जोड़ेंगे

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : विलेज पुलिस ऑफिसर (वीपीओ) अब थाने में ड्यूटी के अलावा अपने-अपने गांव में नशा तस्करों पर नजर रखेंगे और नशे को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले की ओर से ग्रामीण क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने लिए जिले के 597 गांवों की पंचायतों से राबता बनाकर उनके गांवों की समस्याएं जानी गई। नशा बेचने वालों पर नकेल कसने के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। इसके तहत प्रत्येक गांव में वीपीओ की तैनाती की गई है। यह वीपीओ अपने-अपने गांव में जाकर पंचायत से लेकर आम लोगों से राबता बनाएंगे। वीपीओ का नाम और संपर्क नंबर गांव के सार्वजनिक स्थानों पर लिखा जाएगा। यूथ क्लबों से संपर्क कर वीपीओ युवाओं को खेलों व सभ्याचार से जोड़ने में भी भूमिका निभाएंगे। वीपीओ के पास उसके गांव (जहां पर तैनात हुई है) से संबंधित शराब बेचने वाले से लेकर तस्करी करने वाले लोगों की सूची तो रहेगी। वे नशा तस्करों पर पूरी नजर रखेंगे।

इसके अलावा विभिन्न विभिन्न मामलों के भगोड़े आरोपितों की जानकारी भी उन्हें मुहैया होगी। घरेलू विवाद से लेकर अन्य मामलों को गांव स्तर पर सुलझाने का प्रयास भी किया जाएगा। जिले के 16 थानों में तैनात यह वीपीओ सप्ताह में एक बार संबंधित थाना प्रभारी को अपनी फीडबैक देंगे। नशा पीड़ितों का इलाज भी करवाएंगे

गांव में नौकरी पेशे से जुड़े कितने लोग हैं, कितने लोग विदेश में रहते हैं, कितने लोगों की शिकायतें पुलिस के पास हैं। यह सारी जानकारी वीपीओ के पास रहेगी। गांवों में तैनात जीओजी के साथ राबता बनाकर वीपीओ अब नशे की लत का शिकार लोगों को इलाज के लिए प्रेरित भी करेंगे। घरेलू हिसा का शिकार लोगों के मामले पुलिस थाने तक पहुंचाने के लिए वीपीओ पाबंद होंगे।

मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगा शिकायत का पूरा स्टेटस

एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले ने बताया कि आम लोगों की मुश्किलों के समाधान लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पहली बार कंप्लेंट ट्रैकिंग सिस्टम (सीटीसी) शुरू किया गया। आम तौर पर प्रत्येक दिन में 200 के करीब लोग अपनी शिकायतों का स्टेटस जानने के लिए एसएसपी कार्यालय के चक्कर लगाते हैं। इन्हें दरखास्त देने के बाद रेफरेंस नंबर, यूआइडी नंबर देने के लिए इंतजार करना पड़ता था। अब इन लोगों को समय बर्बाद नहीं होगा। एसएसपी निंबाले ने बताया कि पुलिस द्वारा एसएमएस के जरिए अलर्ट स्टेटस शुरू किया गया है। दरखास्त देने वाले का रेफरेंस नंबर, दरखास्त का नाम, विरोधी गुट का नाम, जांच अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर उसे एसएमएस के माध्यम से पहुंचेगा। दरखास्त देने से लेकर जांच मुकम्मल होने का सारा स्टेटस अब एसएमएस के माध्यम से होगा।


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