सिख जत्थेबंदियों ने सेंट्रल जेल के बाहर दिया धरना
अमृतसर : बरगाड़ी मोर्चे की अचानक समाप्ति के बाद मोर्चे की अधूरी मांगों को मनवाने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी के नेतृत्व में विभिन्न सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं ने अमृतसर सेंट्रल जेल फताहपुर के बाहर रोष प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
बरगाड़ी मोर्चे की अचानक समाप्ति के बाद मोर्चे की अधूरी मांगों को मनवाने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी के नेतृत्व में विभिन्न सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं ने अमृतसर सेंट्रल जेल फताहपुर के बाहर रोष प्रदर्शन किया। वहीं पांच सदस्यीय टीम के नेताओं ने कहा कि विभिन्न जेलों के बाहर संगठनों का प्रदर्शन तब तक चलता रहेगा जब तक जेलों में बंद उन सभी सिखों को रिहा नहीं किया जाता जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।
पांच सदस्यीय कमेटी के नेताओं प्रो बल¨जदर ¨सह, नारायण ¨सह चौड़ा , मास्टर संतोख ¨सह, अमर ¨सह चाहल और जसपाल ¨सह हेरां ने कहा कि इस वक्त आधा दर्जन सिख कैदी ऐसे हैं जो अपनी सजाए पूरी कर चुके हैं। परंतु गुप्तचर एजेंसियों की रिपोर्टों को आधार बना कर इन्हें रिहा नहीं किया जा रहा। वैसे डेढ़ दर्जन के करीब कैदियों को रिहा किया जाना जरूरी है, जिन्हें सरकार जानबूझ कर रिहा नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की ओर से पंजाब सरकार को 15 फरवरी तक का समय दिया गया था कि मोर्चे की मांगे स्वीकार करने का जो एलान किया गया है उसे लागू किया जाए। परंतु सरकार ने मांगों को लागू नहीं किया जिस को मुख्य रखते हुए लिए गए फैसले के अनुसार ही सिख संगत की ओर से उन जेलों के बाहर प्रदर्शन किए जा रहे हैं जिनमें सिख कैदी बंद हैं।
प्रदर्शनकारी मांग करते है कि वर्ष 1986 में हुए नकोदर कांड में शांतिमय ढंग से बेअबदी कांड को लेकर प्रदर्शन करने वाले 4 युवाओं को जिन पुलिस अधिकारियों ने गोलियां चला कर मार दिया था उन दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। मौड़ बम कांड के दोषियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस प्रदर्शन में पंजाबी एकता पार्टी के ओर से प्रगट ¨सह चोगावां, बलदेव ¨सह सिरसा, सुखजीत ¨सह खोसा , मास्टर बलदेव ¨सह, जत्थेदार नारायण ¨सह तरना दल, भु¨पदर ¨सह पहलवान जर्मनी, जत्था सिरलत्थ खालसा, अकाल खालसा दल, इंसाफ संघर्ष मिशन आदि कमेटियों के सदस्य शामिल थे।
कश्मीरी छात्रों को न किया जाए परेशान
कमेटी के सदस्यों ने अपील की है कि कश्मीर के विद्यार्थियों को किसी भी तरह परेशान न किया जाए। बल्कि गुरु साहिब के दिए संदेश को मुख्य रखते हुए भाईचारा कायम रखा जाए। अगर किसी एक ने कोई गल्ती की है तो उसकी सजा सभी को न दी जाए। कश्मीरी विद्यार्थियों को सरकार सुरक्षा प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाए।