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गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व मनाने पर दो खेमों में बंटे सिख

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश उत्‍सव मनाने को लेकर सिख दो खेमों में बंट गए हैं। एक खेमा 25 दिसंबर और दूसरा खेमा 5 जनवरी को यह उत्‍सव मनाना चाहते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 09:41 AM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 09:41 AM (IST)
गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व मनाने पर दो खेमों में बंटे सिख
गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व मनाने पर दो खेमों में बंटे सिख

जेएनएन, अमृतसर : श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व मनाने को लेकर सिख दो खेमों में बंट गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री अकाल तख्त साहिब और दमदमी टकसाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व को 25 दिसंबर को विक्रमी कैलेंडर के अनुसार मनाना चाहता है। दूसरी तरफ, कई सिख संगठन विक्रमी कैलेंडर को नकार कर मूल नानक शाही कैलेंडर के अनुसार प्रकाश पर्व 5 जनवरी 2018 को मनाने जा रहे हैं।

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नानकशाही व विक्रमी कैलेंडर में विभिन्न पर्वों की  तिथियों को लेकर है विवाद

श्री अकाल तख्त साहिब भी संगत को आदेश भी जारी किया जा चुका है। इन संगठनों का कहना है कि 25 दिसंबर से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों का शहीदी दिवस सप्ताह शुरू हो रहा है। इसलिए वह गुरु साहिब का प्रकाश पर्व और साहिबजादों का शहीदी सप्ताह एक ही तिथि को नहीं मना सकते।

कुछ सिख संगठन 25 दिसंबर तो कुछ 5 जनवरी को मनाना चाहते हैं प्रकाश पर्व

शिरोमणि अकाली दल मान,  सिख मिशनरी कालेज, अकाल पुरख की फौज, गुरमति ज्ञानी मिशनरी कालेज, जम्मू कश्मीर के 90 प्रतिशत गुरुद्वारा साहिबों की प्रबंधक कमेटियां, झारखंड, छत्तीसगढ़, अमेरिका के गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधक कमेटियों की ओर से बनाई गई सिख कोआर्डिनेशन कमेटी के अलावा इंग्लैंड के सिख संगठन, पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दल खालसा समेत कई संगठनों ने 5 जनवरी को ही प्रकाश पर्व मनाने का एलान किया है।

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अकाल तख्त के आदेश के बाद एसजीपीसी ने 25 को लिया था प्रकाश पर्व मानने का फैसला

विक्रमी कैलेंडर के अनुसार गुरु साहिब का प्रकाश पर्व पौष की 7वीं सुदी को आता है, जो 25 दिसंबर को बनता है। एसजीपीसी की ओर से भी एक प्रस्ताव पास कर श्री अकाल तख्त साहिब को भेजा गया था कि गुरु साहिब का प्रकाश पर्व 5 जनवरी को मनाया जाए। लेकिन, तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने एलान कर दिया था कि 25 दिसंबर को ही प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। इस पर श्री अकाल तख्त साहिब के पांच सिंह साहिबान ने भी एसजीपीसी के प्रस्ताव को रद कर प्रकाश पर्व 25 दिसंबर को मनाने का आदेश जारी किया।

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नानकशाही कैलेंडर को लेकर हमेशा रहा है विवाद

वर्ष 2003 में एनआरआइ पाल सिंह पुरेवाल की ओर से बनाए गए नानक शाही कैलेंडर को लागू करने को लेकर हमेशा ही विवाद बना रहा है। सिखों की अलग पहचान को बनाने के लिए पुरेवाल ने नानक शाही कैलेंडर में सूरज की गति को आधार पर बनाया था। अब चंद्रमा की गति के आधार पर बने विक्रमी कैलेंडर और सूरज गति के आधार पर बने नानक शाही कैलेंडर के कारण अलग अलग त्योहारों की तिथियां भी अलग अलग हो गई हैं।

अब कुछ सिख संगठन विक्रमी कैलेंडर के अनुसार चलना चाहते हैं, तो कुछ संगठन नए नानक शाही कैलेंडर के अनुसार पर्व मनाना चाहते हैं, जिससे असमंजस की स्थिति बन गई है। फिलहाल मूल नानक शाही कैंलेंडर को कुछ तिथियों के विवादों को हल करने के लिए इसमें वर्ष 2010 में संशोधन भी किया गया बावजूद यह विवाद खत्म नहीं हुआ।

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'' सिख कौम 25 दिसंबर को ही श्री गुरु गोबिंद साहिब का प्रकाश पर्व श्रद्धा के साथ मनाए।

                                                                                    - गोबिंद सिंह लोगोंवाल, अध्यक्ष एसजीपीसी।
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'' सिख कौम को नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 5 जनवरी को प्रकाश पर्व मनाना चाहिए, इसके लिए अपील की जा चुकी है।

                                                                                                 - कंवर पाल सिंह, प्रवक्ता दल खालसा।
 


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