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गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर अलौकिक आभा से दमक उठा दरबार साहिब, रोश्‍ानी से नहाई रात

श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर श्री दरबार साहिब प‍रिसर साेमवार रात अलौकिक अाभा से दमक उठा। प्रकाशमााला और शानदार आतिशबाजी से रात में दिन का नजारा हो गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:18 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 02:35 PM (IST)
गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर अलौकिक आभा से दमक उठा दरबार साहिब, रोश्‍ानी से नहाई रात
गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर अलौकिक आभा से दमक उठा दरबार साहिब, रोश्‍ानी से नहाई रात

जेएनएन, अमृतसर। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर साेमवार देर रात श्री दरबार साहिब प‍रिसर अलौकिक अाभा से दमक उठा। स्‍वर्ण मंदिर परिसर में अद्भूत प्रकाशमाला और आतिशबाजी से रात राेशनी से नहा गई। श्रद्धा और उत्‍साह से लबरेज संगत ने पूरे माहौल को गुरुमय बना दिया। दिनभर लाखों श्रद्धालुआें का सैलाब श्री दरबार साहिब में नतमस्‍तक होेने उमड़ा और शाम ढलते ही दीपमाला व रोशनी से पूरा परिसर दमक उठा। इस अवसर पर पूरी गुरुनगरी खिल उठी।

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श्री हरिमंदिर साहिब, अकाल तख्त साहिब व अटल राय साहिब में सजाए गए सुंदर जलौ

दिन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के संपादन स्थल गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से निकाले गए आलौकिक नगर कीर्तन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। ज्ञानी जगातर सिंह ने अपने सिर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप धारण किया और उन्‍हें श्री पालकी साहिब में सुशोभित किया। इस दौरान ज्ञानी जगतार सिंह ने चौर साहिब की सेवा निभाई। नगर कीर्तन में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह भी विशेष रूप में शामिल हुए।

सोमवार देर रात अातिशबाजी और राेशनी से दमकता स्‍वणर् मंदिर परिसर।


आलौकिक नगर कीर्तन में उमड़ी संगत, लाखों संख्‍या में गुरुघर में नतमस्‍तक हुए श्रद्धालु

नगर कीर्तन बाबा साहिब चौक से होते हुए श्री हरिमंदिर साहिब में जा कर समाप्त हुआ। नगर कीर्तन में गतका पार्टियां, स्कूल कॉलेजों के विद्यार्थी, सिख सभा सोसायटियों के सदस्य व बैंड पार्टियां भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। गतका पार्टियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। सारे रास्ते को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

सोमवार रात श्री दरबार साहिब परिसर में दीपमाला सजाती संगत।

श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब व बाबा अटल राय साहिब में आलौकिक जलौ सजाए गए। हरिमंदिर साहिब परिसर को 1 करोड़ रुपये के 20 किस्म के देसी-विदेशी फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था। मनमोहक दीपमाला की रोशनी से गुरु घर जगमगा उठा। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने पहले प्रकाश पर्व की संगत को बधाई दी और सरबत के भले के लिए अरदास की।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व पर अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब सजे जलौ।  1604 में 10 सितंबर को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश हुआ था। 414वें प्रकाश पर्व पर श्री हरिमंदिर साहिब में भव्य लाइटिंग की गई। पूरे परिसर की एक करोड़ रुपये के देसी-विदेशी फूलों से सजावट की गई।

श्री दरबार साहिब में सजे जलौ।
 
 नगर कीर्तन श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा से गुजरा तो पूरा परिसर संगतों से अटा पड़ा था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व पर अमृतसर स्थित गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से शुरू हुए इस नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारों ने किया।

श्री दरबार साहिब की परिक्रमा से गुजरता अलौकिक नगर कीर्तन।

शाम में दीपमाला के बाद देर रात शानदार अातिशबाजी से आसमान भी चमक उठा। श्रद्धालुओं ने इस आतिशबाती का ख्‍ूाब आनंद उठाया। पूरा माहौल उत्‍सव में डूबा हुआ था। महिला, पुरुष, बच्‍चे ओर बुजुर्ग सभी इस अवसर पर श्री दरबार साहिब परिसर में मौजूद थे। पवित्र सरोवर भी दीपामाला और आतिशबाजी से अद्भूत नजारा पेश कर रहा था।

श्री दरबार साहिब में दर्शन के लिए उमड़ी संगत।


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