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अरदास के बाद एसजीपीसी ने समाप्त किया धरना

अमृतसर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में सिख इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ अकाली दल व एसजीपीसी की ओर से पंजाब सरकार खिलाफ शुरू किया संयुक्त धरना शनिवार की सुबह अरदास के बाद समाप्त कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 12:32 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 12:32 AM (IST)
अरदास के बाद एसजीपीसी ने समाप्त किया धरना

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में सिख इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ अकाली दल व एसजीपीसी की ओर से पंजाब सरकार खिलाफ शुरू किया संयुक्त धरना शनिवार की सुबह अरदास के बाद समाप्त कर दिया गया। यह धरना आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने व मुख्यमंत्री की ओर से अकाल तख्त पर पेश होकर माफी मांगने की मांग को लेकर 48 घंटों के लिए शुरू किया गया था। एसजीपीसी अब इस मुद्दे पर भविष्य का आंदोलन तय करने के लिए अलग अलग सिख संगठनों और संत समाज के प्रतिनिधियों के साथ 9 नवंबर को बैठक करेगी। यह बैठक एसजीपीसी के अमृतसर कार्यालय तेजा सिह समुद्री हाल में होगी। इसमें शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं कक्षा की इतिहास की पाठ्य पुस्तक में सिख इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ आंदोलन को तेज करने की रणनीति तय की जाएगी। लोगोंवाल इस दौरान धरने में सहयोग देने वाले संगठनों के सदस्यों का भी धन्यवाद किया।

धरने के तीसरे दिन सुबह पहले अरदास की गई। इसके बाद लोंगोवाल ने धरना समाप्त करने का एलान किया। इस दौरान दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिह धुम्मा भी मौजूद थे। बाबा धुम्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि अकाली दल और एसजीपीसी ने सरकार की पंथ विरोधी साजिशों को बेनकाब करके संगत के सामने पेश किया है। इस आंदोलन में टकसाल पूरी तरह एसजीपीसी के साथ है। अगर इस मामले को दबा रहने देते तो आने वाली पीढि़यों तक गलत इतिहास पहुंच जाना था। इस मामले को लेकर समय की जरूरत है कि सभी जत्थेबंदियों और संगठनों को एक जुट होकर मैदान में आना चाहिए। इस दौरान लोंगोवाल ने बाबा धुम्मा और बाबा दर्शन ¨सह को सिरोपा दिया। इस अवसर पर एसजीपीसी के गुरमीत ¨सह बूह, गुरतेज ¨सह ढ्डडे, भगवंत ¨सह सियालका, अमरजीत ¨सह चावला, मग¨वदर ¨सह खापड खेडी, दिलजीत ¨सह बोदी , अजमेर ¨सह , बाबा निर्मल ¨सह , गुरलाल ¨सह , डॉ. रूप ¨संह, सुखदेव ¨सह भूरा कोहना, निशान ¨सह , सुख¨वदर ¨सह अगवान, दर्शन ¨सह , जगजीत ¨सह जग्गी, जस¨वदर ¨सह दीनपुर आदि भी मौजूद थे।


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