एसजीपीसी कार्यालय के बाहर टास्क फोर्स व सत्कार कमेटी के सदस्यों में खूनी झड़प
श्री हरिमंदिर साहिब परिसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) कार्यालय के बाहर धरना दे रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के कार्यकर्ताओं व एसजीपीसी की टास्क फोर्स के बीच शनिवार को खूनी झड़प हो गई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
श्री हरिमंदिर साहिब परिसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) कार्यालय के बाहर धरना दे रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के कार्यकर्ताओं व एसजीपीसी की टास्क फोर्स के बीच शनिवार को खूनी झड़प हो गई। इस दौरान जमकर लाठियां और तलवारें चलीं। इस घटना में दोनों पक्षों के 12 से अधिक लोग घायल हो गए।
उधर, झड़प की कवरेज कर रहे तीन मीडिया कर्मियों से भी एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने मारपीट की। इस पर मीडिया कर्मियों ने भी एसजीपीसी कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। देर शाम मीडिया कर्मियों ने एसजीपीसी के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ गलियारा पुलिस चौकी में केस दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दी है। देर शाम तक एसजीपीसी कार्यालय के बाहर प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। एसजीपीसी कार्यालय के बाहर माहौल तनाव वाला बना हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है समाचार लिखे जाने तक किसी भी पक्ष को लेकर पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया था।
शनिवार को बाद दोपहर ढाई बजे उस वक्त तनाव पैदा हो गया है जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के नेता सुखजीत सिह खोसा के नेतृत्व में संगठन के कार्यकर्ता एसजीपीसी के मुख्य गेट के पास स्थित छोटे गेट के सामने धरने पर बैठ गए। 13 सितंबर से सत्कार कमेटी के कार्यकर्ता श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गायब हुए 328 स्वरूपों की जानकारी देने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। छोटे गेट के बाहर धरने के दौरान कमेटी के कार्यकर्ताओं ने एसजीपीसी कर्मचारियों को न अंदर जाने दिया और न बाहर आने दिया।
खोसा ने बताया कि जब वे सुबह पालकी साहिब के दर्शन करने हरिमंदिर साहिब गए तो वहां तैनात एसजीपीसी कर्मियों और टास्क फोर्स के कर्मचारियों ने उसके साथ धक्कामुक्की की। इस घटना के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वह छोटे गेट पर धरने पर बैठे हैं। इस दौरान एसजीपीसी के अधिकारियों ने सत्कार कमेटी के वर्करों को कहा कि वह गेट का रास्ता छोड़ कर धरना दें जिससे वर्करों ने इन्कार कर दिया।
इस पर एसजीपीसी के सचिव महिदर सिंह आहली, सुखदेव सिंह भूरा कोहना तथा प्रताप सिंह ने एसजीपीसी के कर्मचारियों और टास्क फोर्स के मुलाजिमों को बुलाया और धरना उठवाने का आदेश दिया। एसजीपीसी कर्मचारी गेट के बाहर धरने पर बैठे आठ लोगों को उठा कर गेट के अंदर ले गए। इतने में सत्कार कमेटी के वर्कर भड़क गए और उन्होंने तलवारें और लाठिया उठा लीं। आगे से एसजीपीसी के कर्मचारियों ने भी लाठियां उठा कर मुकाबला करना शुरू कर दिया। इस खूनी झड़प में दोनों पक्षों के 12 से अधिक लोग घायल हो गए। इसमें सत्कार कमेटी की एक महिला वर्कर अमरिदर कौर भी है। कुछ वर्करों को उठाकर एसजीपीसी कार्यालय में ले जाया गया। वहां टास्क फोर्स ने इनसे बुरी तरह मारपीट की।
इस घटना की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी इंद्रमोहन सिंह व जतिदर सिंह को भी टास्क फोर्स के कर्मी उठा कर एसजीपीसी कार्यालय के अंदर ले गए और वहां उनसे मारपीट की गई। उनकी पगड़ी उतार दी गई और उन्हें केसों से पकड़ कर खींचा। उनके मोबाइल फोन भी छीन लिए गए। इसके विरोध में सभी मीडिया कर्मियों ने एसजीपीसी कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। बाद में दोनों मीडिया कर्मियों को छोड़ दिया गया। दोनों कर्मियों ने देर शाम एसजीपीसी के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ गलियारा चौकी में लिखित शिकायत दी है। पुलिस में जतिदर सिंह को मेडिकल करवाने के लिए भेज दिया है।