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1984 की सैन्य कार्रवाई में प्रभावित ड्योढ़ी को शीशों में संभालेगी एसजीपीसी

श्री हरिमंदिर साहिब में कड़ाह प्रसाद वाली बाही पर बनी ड्योढ़ी की संभाल के लिए एसजीपीसी ने कारसेवा कार्य शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 12:37 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:06 AM (IST)
1984 की सैन्य कार्रवाई में प्रभावित ड्योढ़ी को शीशों में संभालेगी एसजीपीसी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब में कड़ाह प्रसाद वाली बाही पर बनी ड्योढ़ी की संभाल के लिए एसजीपीसी ने कारसेवा कार्य शुरू कर दिए हैं। रविवार को इन कार्यों की शुरुआत अरदास के बाद की गई। इस ड्योढ़ी पर जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब व श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई सैन्य कार्रवाई के दौरान लगी गोलियों के निशान आज भी मौजूद हैं। एसजीपीसी ने इसकी संभाल का काम कारसेवा वाले बाबा कश्मीर सिह भूरी वालों को सौंप दिया है। इस दौरान श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिद सिंह लोंगोवाल समेत विभिन्न अधिकारी और पदाधिकारी भी मौजूद थे।

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एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि जून 1984 में उस समय की सरकार ने श्री हरिमंदिर साहिब पर सैन्य कार्रवाई की। श्री हरिमंदिर साहिब और अकाल तख्त साहिब पर टैंकों और तोपों से हमला किया गया। हमले की घटना की याद को बनाए रखने के लिए इस ड्योढ़ी की दीवार को स्टील का फ्रेम लगा कर इसे शीशे के अंदर संभाल कर रखा जाएगा।

एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह ने बताया कि जून 1984 की घटना सिख कौम कभी नहीं भुला सकती। ड्योढ़ी पर लगाया जाने वाले फ्रेम व शीशा एक तकनीकी काम है। जिसको लगाने के लिए माहिर विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। इस सारे काम को तीन माह के भीतर मुकम्मल कर लिया जाएगा। इस अवसर पर एसजीपीसी के रजिदर सिंह मेहता, भगवंत सिंह सियालका, बाबा सिंह गुमानपुरा, जसविदर सिंह दीनपुर,बाबा हरभजन सिंह पहलवान, बाबा सुखविदर सिंह भूरीवाले, बाबा गुरेदव सिंह कुलियां, बाबा सोहन सिंह बीड़ साहिब, बाबा दीदार सिंह, बाबा गुरनाम सिंह, सुखदेव सिंह भूरा कोहना, कुलविदर सिंह रमदास, सुलखन सिंह भंगाली, सुखजिदर सिंह, बघेल सिंह, सुखराज सिंह, सुखबीर सिंह, सुरिदर पाल सिंह, हरिदर सिंह आदि भी मौजूद थे।


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