सारगढ़ी सराय में सफाई के नाम पर हर वर्ष गुरु घर की गोलक से 14 लाख की लूट
श्री हरिमंदिर साहिब में दर्शनों के लिए देश विदेश में से आनी वाली संगत की रिहायश के लिए बनाई गई सराय में सफाई का प्रबंध ठेके पर भारी भरकम राशि खर्च कर देना चर्चा में है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
श्री हरिमंदिर साहिब में दर्शनों के लिए देश विदेश में से आनी वाली संगत की रिहायश के लिए बनाई गई सराय में सफाई का प्रबंध ठेके पर भारी भरकम राशि खर्च कर देना चर्चा में है। सफाई प्रबंधों के नाम पर गुरु घर की गोलक की लूट इस समय एसजीपीसी गलियारे में चल रही है। आरोप यह भी है कि इस मामले में एसजीपीसी के बड़े नेताओं की कथित मिलीभगत है। हरिमंदिर साहिब के सारागढ़ी सराय में साफ सफाई का प्रबंध एक निजी कंपनी को सौंपा हुआ है। इस कंपनी को मोटी राशि दी जा रही है। जबकि इसके सफाई प्रबंध एसजीपीसी के सेवादार भी निली कंपनी को दिए जा रहे पैसे की मुकाबले चौथे हिस्से की राशि में कर सकते हैं। इस के लिए सीधे रूप में एसजीपीसी के अध्यक्ष को भी जिम्मेवार ठहराया जा रहा है।
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत ¨सह सरना ने कहा कि सराय की सफाई के नाम पर एसजीपीसी के अध्यक्ष के आदेशों पर गुरू घर की गोलक लूटी जा रही है। 238 कमरों वाली इस सराय की सफाई का ठेका बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए 18 अप्रैल 2017 को सराय का शुभारंभ करते वक्त जीआरटी हास्पेटिलिटी को 200 रूपये प्रति कमरा प्रति माह के हिसाब से काम दे दिया गया। जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत मिलता है। एसजीपीसी के तत्कालीन मुख्य सचिव हरचरण ¨सह ने 15 जुलाई 2017 तक टेंडरों की मांग करते हुए सारागढ़ी सराय के 238 कमरों, गुरु अर्जुन देव निवास के 127 कमरों, गुरु हर गो¨बद निवास के 85 कमरों , गुरु गो¨बद ¨सह एनआरआई निवास के 49 कमरों को मिला कर कुल 499 कमरों की सफाई को ठेके पर देने की कोशिश की थी। जबकि माता गंगा जी सराय के 90 कमरों का काम जीआरडी फर्म को सौंप दिया। जिसका विरोध होने पर इस ठेके को अगस्त 2017 को खत्म कर दिया गया था। एक सितंबर से सफाई का प्रबंध पहले के ही तरह एसजीपीसी के प्रबंधों के तहत शुरू हो गया। सारागढ़ी सराय के लिए दोबारा टेंडर मांग लिए गए। कुछ कंपनियों की ओर से कम रेट पर भी टेंडर भरे गए बावजूद इन को नजर अंदाज करके काम जीआरडी को सौंप दिया गया। जो खुलेआम गुरु की गोलक की लूट है। इतना ही नहीं जिस सराय में आने वाले वीआईपीज की गाडि़यों को भी प्रशासन ने बैन किया हुआ है वहां उस कंपनी का एक प्रबंधक अपनी लग्जरी गाड़ी लाकर खड़ा कर के प्रबंधों को चुनौती दे रहा है। इस एक सराय पर ही एसजीपीसी करीब 14 लाख रूपये सफाई पर खर्च कर रही है। जिस में संगत को तौलिये व चाय तक भी मुहैया नहीं करवाई जाती । सरना ने कहा कि एसजीपीसी पारदर्शिता का दावा करती है परंतु इस मामले में एसजीपीसी की पारदर्शिता विवादों में है।
सफाई के नाम पर लूट सहन नहीं होगी : वडाला
सिख सद्भावना दल के मुख्य सेवादार भाई बलदेव ¨सह ने कहा कि सराय की सफाई के नाम पर हो रही गुरु घर की गोलक की लूट सहन नही होगी। अगर अन्य सरायों का प्रबंध बिना किसी निजी कंपनी को ठेका दिए बढि़या ढंग से हो रहा है कि सारागढ़ी सराय का काम सेवादार ठीक ढंग से क्यों नहीं कर पाते। इसकी जांच होनी चाहिए।
सब कमेटी के आदेशों पर निजी कंपनी को दिया गया काम : मैनेजर सराय
एसजीपीसी के मैनेजर सराय मुखतार ¨सह ने बताया कि निजी कंपनी को सारागढ़ी सराय की साफ सफाई का ठेका एसजीपीसी की एक सब कमेटी के फैसले पर दिया गया है। कई बार टेंडर भी निकाले गए परंतु इस के लिए योग्य कंपनी न मिलने के कारण जीआरडी कंपनी को 200 रुपये प्रति कमरा की सफाई का काम दिया गया।
बढि़या ढंग से की जा रही सफाई : ठेकेदार पर¨मदर
जीआरडी कंपनी के एक प्रबंधक पर¨मदर ¨सह ठेकेदार कहते हैं कि एसजीपीसी ने उनको साफ सफाई के जो प्रबंध दिए हैं उनको सही ढंग से किया जा रहा है। एसजीपीसी की मांग के अनुसार ही एसजीपीसी के साथ उनका प्रति रूम सफाई 200 रूपये कांट्रेक्ट हुआ है। सराय में 50 सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। जो 24 घंटे तैनात रहते है। संगत की सुविधा के लिए कमरों की सफाई , चादरों व तकियों के गलाफों की सफाई और शौचालयों में पेपर व साबुन की सुविधा भी दी जाती है। जबकि वीआईपी के लिए टुथ पेस्ट व तौलिया की सुविधा भी दी जाती है।