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--फूलका को सम्मानित करने के मामले में बैकफुट पर आई एसजीपीसी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से दिल्ली दंगों के दोषियों को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले वकीलों को सम्मानित न करने के पहले लिए फैसले से एसजीपीसी बैकफुट पर आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 11:49 PM (IST)
--फूलका को सम्मानित करने के मामले में बैकफुट पर आई एसजीपीसी
--फूलका को सम्मानित करने के मामले में बैकफुट पर आई एसजीपीसी

पंकज शर्मा, अमृतसर

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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से दिल्ली दंगों के दोषियों को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले वकीलों को सम्मानित न करने के पहले लिए फैसले से एसजीपीसी बैकफुट पर आ गई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिद ¨सह लोंगोवाल ने एलान किया था कि एसजीपीसी दिल्ली दंगों के दोषियों को सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले तीन गवाहों को सम्मानित करने के लिए 22 जनवरी को एसजीपीसी कार्यालय में कार्यक्रम करेगी। जब इस केस में मुख्य भूमिका निभाने वाले वकील एचएस फूलका को न सम्मानित करने का मुद्दा मीडिया में उछला तो अगले ही दिन अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर ¨सह बादल ने एलान किया कि एसजीपीसी दंगों के दोषियों को सजा दिलवाने में भूमिका निभाने वाले गवाहों के साथ-साथ केस के वकीलों को भी सम्मानित करेगी। सुखबीर के इस एलान के बाद अब एसजीपीसी ने एलान किया कर दिया है कि दोषियों को सजा दिलवाने वाले गवाहों के साथ-साथ वकीलों को भी एसजीपीसी सम्मानित करेगी। पहले यह कार्यक्रम 22 जनवरी को रखा गया था। अब यह कार्यक्रम 26 जनवरी को रखा है। एसजीपीसी के अध्यक्ष गो¨बद ¨सह लोंगोवाल के निजी सहायक सुख¨मदर ¨सह ने कहा कि 26 जनवरी को यह सम्मान कार्यक्रम एसजीपीसी कार्यालय तेजा ¨सह समुद्री हाल में सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा।

26 को रखा कार्यक्रम, ताकि मीडिया में कम मिले कवरेज

एसजीपीसी व पंथक गलियारा में चर्चा है कि 22 जनवरी की जगह 26 जनवरी की तिथि एक सुनियोजित ढंग से तय की गई है क्योंकि अगर 26 जनवरी को यह सम्मान समारोह किया जाता है तो इसके लिए मीडिया कवरेज कम होगी। मीडिया कर्मी इस दौरान सुबह 11 बजे गणतंत्र दिवस के सरकारी कार्यक्रमों की करवेज में लगे होंगे। क्योंकि गवाहों के साथ-साथ फूलका को भी सम्मानित किया जाना है इसलिए फूलका को अधिक करवेज नहीं मिलेगी। चर्चा यह भी है कि 27 जनवरी को समाचार पत्र 26 जनवरी की छुट्टी होने के कारण मार्केट में नहीं आते। 28 जनवरी को जब पत्र मार्केट में आते हैं तो उसमें गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों की कवरेज के कारण स्थान भी कम रहता है। इस लिए फूलका के सम्मान कार्यक्रम के लिए जगह भी अधिक नहीं मिल पाएगी। चाहे 22 की जगह 26 जनवरी को सम्मान कार्यक्रम रखे जाने के लिए सुख¨मदर ¨सह ने कारणों का जिक्र नहीं किया है, परंतु इस मामले को लेकर पंथक क्षेत्रों में गहरी चर्चा शुरू हो गई है।

पंथक सेवा आर्मी के कारण हटाया था सूची से फूलका का नाम

उल्लेखनीय है कि पहले इस सम्मान समारोह में इस केस को लड़ कर दोषियों को सजा दिलवाने वाले वकील एचएस फूलका को सम्मान समारोह से बाहर रख दिया गया था। जबकि इससे भी पहले फूलका को भी सम्मानित करने का फैसला अकाली दल ने लिया था। जब से एडवोकेट फूलका ने पंथक सेवा संगठन और पंथक सेवा आर्मी बनाकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और सिख गुरुधामों को राजनीतिक दखलअंदाजी से मुक्त करने के लिए अभियान की शुरूआत की है तब से सम्मान करने वाले लोगों की सूची से एडवोकेट फूलका का नाम हटा दिया गया था।


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