अगस्त में पावरकॉम की सेवक मशीनें होंगी बंद, चिपके नोटिस
पावरकॉम मैनेजमेंट ने बिजली के बिल जमा करवाने के लिए पांच साल पहले विभिन्न बिजली घरों में सेवक मशीनें लगवाई थीं। जो एक सप्ताह बाद बंद हो जाएंगी।
हरदीप रंधावा, अमृतसर
पावरकॉम मैनेजमेंट ने बिजली के बिल जमा करवाने के लिए पांच साल पहले विभिन्न बिजली घरों में सेवक मशीनें लगवाई थीं। जो एक सप्ताह बाद बंद हो जाएंगी। इससे उपभोक्ताओं को दोबारा लंबी-लंबी लाइनों में लगकर अपने बिजली के बिल भरने पड़ेंगे। 31 जुलाई 2020 को सेवक मशीनों की संचालक कंपनी का करार खत्म हो रहा है।
कंपनी द्वारा मशीनें बंद होने की सूचना सेवक मशीनों के ऑपरेटरों को एसएमएस के जरिए दे दी गई है। बिजली घरों में वीरवार को मशीनें बंद किए जाने के नोटिस भी चिपका दिए गए हैं। सेवक मशीनें बंद होने से उपभोक्ताओं की परेशानी पावरकॉम के कैश काउंटर पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल सकती हैं, जोकि विभाग व उपभोक्ता दोनों के लिए समस्या तो बनेगी। जबकि सेवक मशीनों के ऑपरेटर भी बेरोजगार हो जाएंगे।
89 सेवक मशीनें राज्य में चल रही हैं
पावरकॉम मैनेजमेंट ने लोगों को लंबी लाइनों से निजात दिलाने के लिए बिल सेवक मशीनें लगाई थीं। साल 2015 में निजी कंपनी के साथ करार करके अमृतसर, बटाला, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना और पटियाला में 89 बिल सेवक मशीनें स्थापित की गई थीं। सेवक मशीनों पर सुबह आठ बजे से लेकर शाम आठ बजे तक बिल जमा करवाने की सहूलियत देने का करार हुआ था। जबकि कोरोना काल में सेवक मशीनें सुबह नौ से लेकर बाद शाम पांच बजे तक चलती रहीं। कैश काउंटरों पर भीड़ हो जाएगी बेकाबू
पावरकॉम में हर साल कई बिजली विभाग के कर्मचारियों सहित कैश काउंटरों के कैशियर भी सेवा मुक्त हो रहे हैं। जबकि कई कैशियर काम का बोझ अधिक होने की वजह से वालंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) के तहत रिटायरमेंट ले चुके हैं।अब सोचने की बात है कि बिल सेवक मशीनें बंद होने की वजह से कैश काउंटरों में बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं की लाइनें लग जाएंगी। वहीं दूसरी तरफ छुट्टी के अगले दिन बाद कैश काउंटरों पर भीड़ को काबू कर पाना भी मुश्किल हो जाएगा।
लोग डिजिटल मोड के जरिए भरें बिल
पावरकॉम के अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को चाहिए कि डिजिटल मोड के जरिए बिल भर के अपना समय और धन बचाएं। इसके अलावा विभिन्न एप मार्केट में आए हैं, जिनके जरिए बिलों का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है।
कारण का पता करेंगे : चीफ इंजीनियर
दूसरी तरफ बार्डर जोन के चीफ इंजीनियर प्रदीप कुमार सैनी का कहना है कि शुक्रवार को सेवक मशीनों के बंद होने की वजह को पूछा जाएगा, क्योंकि उन्होंने भी सेवक मशीनें बंद होने की बात सुनी है।