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शिपिग बिल वैल्यू के मुताबिक बनाएं इनवायस : गुप्ता

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) की ओर से सेमिनार करवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:33 AM (IST)
शिपिग बिल वैल्यू के मुताबिक बनाएं इनवायस : गुप्ता
शिपिग बिल वैल्यू के मुताबिक बनाएं इनवायस : गुप्ता

जागरण संवाददाता, अमृतसर : जीएसटी रिटर्न फाइल करने और रिफंड लेने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) की ओर से सेमिनार करवाया गया। इसमें डीसी सीजीएसटी अमृतसर डिवीजन बलविदर सिंह, सीए विनम्र गुप्ता ने व्यापारियों को जीएसटीआर-9, 9सी और अन्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उन्हें रिटर्न कैसे फाइल करनी हैं और रिफंड को कैसे क्लेम करना हैं आदि के बारे में डिटेल से बताया। यह सेमिनार एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन व येस बैंक के सहयोग से करवाया गया।

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सीएम विनम्र गुप्ता ने बताया कि व्यापारियों की ओर से शिकायतें मिल रही हैं कि एक्सपोर्ट करते समय उन्हें घटती-बढ़ती करंसी को लेकर काफी परेशानी आ रही है। उन्हें इनवायस बनाने और रिटर्न फाइल करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। क्योंकि डॉलर की कीमत बढ़ने-घटने से जिस दिन की बिलिग होती हैं। वह उसके मुताबिक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं। इसका हल उन्होंने बताया कि शिपिग बिल वैल्यू के मुताबिक वह अपना इनवायस बनाएं। क्योंकि शिपिग वैल्यू में एवरेज दी जाती हैं। जिससे रिटर्न फाइल करते समय कोई भी दिक्कत नहीं आती हैं। जीएसटी को सरल बनाने का किया जा रहा प्रयास

डीसी सीजीएसटी बलविदर सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से लगातार जीएसटी को सरल बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं और बहुत से बदलाव भी हुए हैं। हर तरह की जांच की जा रही हैं। ताकि किसी भी व्यापारी को ज्यादा मुश्किलें न हो। वहीं उद्योगपति प्यारा लाल सेठ ने अंत में सभी लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि हर एक सवाल पर बहुत ही अच्छे तरीके से जानकारी मुहैया करवाई गई हैं। जिससे आने वाले समय में सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। यहां फियो के जिला इंचार्ज गौरव गुप्ता व अन्य मौजूद थे। रद हुए डीलरों को भरना पड़ता है जीएसटीआर-10

इसी तरह जो डीलर रद हो चुके हैं। उन्हें भी रिटर्न भरते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता हैं। इस पर उन्होंने बताया कि रद हो चुके डीलर जीएसटीआर-9 भर रहे होते हैं। जबकि उन्हें जीएसटीआर-10 भरना होता हैं। इसके अलावा जिन लोगों के रिफंड कई समय से रूक पड़े थे। उनका कैसे हल करना हैं और किस तरह अपने क्लेम लेने हैं के बारे में भी पूरी जानकारी दी गई। व्यापारियों की ओर से सवाल भी पूछे गए।


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