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सैटेलाइट अस्पताल में जाएं तो सावधान रहें, कहीं संक्रमित न हो जाएं, जानें क्या है वजह

रंजीत एवेन्यू स्थित भाई धर्म सिंह सैटेलाइट अस्पताल में जा रहे हैं को सावधान रहें कहीं आप संक्रमण की चपेट में न आ जाएं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 05:00 AM (IST)
सैटेलाइट अस्पताल में जाएं तो सावधान रहें, कहीं संक्रमित न हो जाएं, जानें क्या है वजह

नितिन धीमान, अमृतसर: रंजीत एवेन्यू स्थित भाई धर्म सिंह सैटेलाइट अस्पताल में जा रहे हैं को सावधान रहें, कहीं आप संक्रमण की चपेट में न आ जाएं। क्योंकि अस्पताल में कुछ इस तरह के ही हालात बने हुए हैं। अस्पताल में कोरोना सैंपलिग व वैक्सीनंशन के बाद कोविड कचरा जहां-तहां फेंका जा रहा है। स्टाफ कोविड कचरे का सलीके से निस्तारण नहीं कर रहा। यह कचरा कई दिनों तक डस्टबिन के साथ उसके आसपास फैला रहता है। अस्पताल में रोज सैकड़ों लोग टीकाकरण के लिए पहुंचते हैं, वहीं सैकड़ों ही सैंपल देने आते हैं। अफसोस! सब खतरे में हैं।

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दैनिक जागरण ने इस कुव्यवस्था की तस्वीरें कैमरे में कैद की हैं। पहले टीकाकरण केंद्र की बात करें तो अस्पताल मे बने इस केंद्र में वैक्सीन लगाई जा रही है। टीका लगाने के बाद संबंधित शख्स की बाजू में काटन लगाई जाती है। 30 सेकेंड तक काटन रखने के बाद इसे डस्टबिन में फेंका जाता है। टीकाकरण केंद्र के बाहर डस्टबिन तो है, पर यह भरा हुआ रहता है। ऐसे में लोग काटन को भरे हुए डस्टबिन में फेंक देते हैं। जरा सा हवा का झोंका आने पर यह काटन फर्श पर गिरती है। यदि कोई कोरोना संक्रमित टीका लगवाने के बाद काटन को फेंक दे और कोई अन्य शख्स इसके संपर्क में आ जाए तो वह भी संक्रमित हो सकता है। यह तस्वीर बाद दोपहर तीन बजे की है, जब स्टाफ अस्पताल से जा चुका है।

ठीक इसी प्रकार कोरोना सैंपलिग कलेक्शन सेंटर के बाहर पड़ा डस्टबिन कोरोना वायरस से भरा हो सकता है। डस्टबिन में रैपिड एंटीजन टेस्ट की किट्स फेंकी गई है। इन किट्स का प्रयोग किसी भी शख्स का कोरोना टेस्ट करने में किया जाता है। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर स्टिक लाल हो जाती है। स्टाफ इन किट्स को खुले डस्टबिन में फेंक देता है। इसके अतिरिक्त नोजल स्वैब लेने के लिए जिस स्टिक को नाक में डाला जाता है उसे भी डस्टबिन में फेंक दिया गया। सैंपल लेने वाले स्टाफ द्वारा प्रयोग किए गए ग्लब्ज व मास्क भी इसी में भर दिए गए। अस्पताल में बनाए गए लॉन में पड़ा कचरा भी मेडिकल वेस्ट है। पास में दो डस्टबिन औंधे मुंह पड़े हैं। स्टाफ ने डस्टबिन को सीधा करने की बजाय मेडिकल वेस्ट पास ही फेंक दिया। यह है नियम

-नियमानुसार मेडिकल वेस्ट को डस्टबिन में डालकर उसे ढकना होता है।

-इसे प्रतिदिन निर्धारित प्लांट में भेजकर नष्ट करना अनिवार्य है। सिविल सर्जन बोले, अस्पताल का करेंगे निरीक्षण

अस्पताल में आने वाले लोगों को शारीरिक दूरी का पालन न करने पर फटकार लगाने वाला अस्पताल का स्टाफ इतना लापरवाही कैसे हो सकता है? यह सवाल हर शख्स के जहन में उठना लाजमी है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि वह स्वयं अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। इस प्रकार की लापरवाही सहन नहीं होगी।


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