150 साल पुराने गेटों में बनेंगी चिल्ड्रन कम्युनिटी लाइब्रेरियां
शहर के एतिहासिक 12 गेटों में से छह की रिपेयरिग का काम जोरों से चल रहा है। इन गेटों पर करीब 6.30 करोड रुपये खर्च किए जाने हैं।
हरीश शर्मा, अमृतसर
शहर के एतिहासिक 12 गेटों में से छह की रिपेयरिग का काम जोरों से चल रहा है। इन गेटों पर करीब 6.30 करोड रुपये खर्च किए जाने हैं। इन गेटों में हाल गेट, हाथी गेट, खजाना गेट, लहौरी गेट, हकीमां गेट और सुल्तानविड गेट शामिल हैं। हर गेट में चार-चार कमरे बने हुए हैं। गेट के दोनों तरफ दो पिल्लर हैं और एक पिल्लर में दो कमरे हैं। इन कमरो में चिल्ड्रन कम्युनिटी लाइब्रेरी बनाई जानी है ताकि आस-पास के लोगों को विरासत के साथ जोड़ा जा सके।
बच्चे और युवा इस लाइब्रेरी में जाकर अपने मनपसंद की किताबे पढ़ सकेंगे। पहले चरण में हाथी गेट, लाहौरी गेट और खजाना गेट में लाइब्रेरी बनाई जानी है। यह पूरा काम ह्रदय प्रोजेक्ट के अधीन हो रहा है। सभी गेट करीब 150 साल पुराने हैं और इनकी हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। रिपेयर करने वाली कंपनी का कहना है कि अगर रिपेयर में और देर की जाती तो ये गिर भी सकते थे।
अंग्रेजों के समय की ही दी जानी है लुक
इन गेटों को पहले जैसी ही लुक दी जाएगी। गेटों पर समय-समय पर पेंट किया जाता रहा है। इस कारण पेंट की कई परतें पिल्लरों की दीवारों पर चढ़ गई हैं। इन परतों को उतारा जा रहा है और लाल ईट का ही इस्तेमाल कर दोबारा से पुरानी लुक में लाया जा रहा है ताकि ये फिर से वही अंग्रेजों के जमाने वाले गेट की ही तरह दिखाई दें।
फ्रांस, इटली और जर्मन की लाइटों से जगमगाएंगे गेट
इन गेटों की सुंदरता बढ़ाने के लिए इम्मोपर्टेड लाइटो की फिटिग की जानी है, जोकि रात के समय गेटों की सुंदरता में चार-चांद लगाने का काम करेंगी। ये सारी लाइटों की फिटिग में फ्रांस, इटली और जर्मन के ब्रांड प्रयोग किए जाने हैं।
तीन गेटों पर लाइब्रेरी की मिली मंजूरी
ये गेट 1870 के करीब अंग्रेजों ने बनवाए थे। इनकी फिनिशिग इस तरह से की जा रही है, जिससे ये पुरानी लुक में ही नजर आएंगे। साथ ही इनकी मजबूती का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। तीन गेटो में लाइब्रेरी बनाने की मंजूरी मिल गई है। इन लाइब्रेरी में अखबार, मैगजीन, कॉमिक बुक, जीके बुक सहित अन्य साम्रगी रखी जाएगी। इसके लिए कई एनजीओ भी मदद के लिए आगे आ रही हैं। साथ ही नगर निगम की लाइब्रेरी की किताबें भी इसमें प्रयोग की जाएंगी।
-गुरमीत राय, सिटी एंकर आर्किटेक्ट, ह्रदय प्रोजेक्ट